राजगढ़। ब्यावरा के प्रसिद्ध स्थल अंजनीधाम के विशाल मैदान में स्वाभिमान सम्मेलन के नाम से आयोजित शिक्षको के अधिवेशन में हजारो की संख्या में पहुंचे शिक्षको की ब्यावरा विधायक नारायण सिंह पवार ने अगवानी की तथा प्रदेश भर के जिला और संभागीय संयोजको का अभिनन्दन भी किया। आयोजन स्थल पहुंचकर प्रदेश भर के साढ़े पांच हजार से अधिक शिक्षको ने पंजीयन कराया,जिसमे बड़ी संख्या महिला शिक्षको भी रही। कार्यक्रम में शिक्षकों ने आगामी कार्ययोजना पर सयुक्त रूप से न केवल विचार मंथन किया वल्कि समग्र संगठन के प्रति अपनी आस्था भी व्यक्त की, इस अवसर पर अधिवेशन को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त म.प्र.कर्मचारी कल्याण समिति मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रमेशचन्द्र शर्मा ने समग्र शिक्षक संघ की तारीफ़ करते हुए कहा कि समग्र शिक्षक हित में जो कार्य कर रहा है वो न केवल सराहनीय है वल्कि अन्य पुराने संगठनों को एक नसीहत भी है।
उन्होंने कहा यदि शिक्षको को आज तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिला है तो वो समग्र के अथक प्रयासों का ही नतीजा है, इसके अलावा सहायक शिक्षको के पदनाम अपग्रेड या अन्य विचाराधीन मसले है, उस पर भी जिस प्रकार से संगठन सक्रीय है नतीजे जल्दी ही आप सबके सामने होंगे, उन्होंने कहा कि प्रदेश में समग्र के उदय के साथ ही शिक्षको को एक मजबूत विकल्प मिला है स्वयं उनकी भूमिका तो सिर्फ शासन और संगठनों के मध्य सेतु बनने की है, जिसे मैं निभाता रहूँगा।
प्रदेश संयोजक सुरेशचन्द्र दुबे और संगठन के प्रमुख मार्गदर्शक रामनारायण लहरी ने कहा वे जब तक विश्राम नही लेंगे जब तक सहायक शिक्षको को “शिक्षक” पदनाम नहीं मिल जाता, अनुकम्पा नियुक्ति के नियमो का सरलीकरण नही हो जाता और अर्जित अवकाश के पुराने नियम को वहाल नहीं किया जाता, इसके लिए उन्होंने उपस्थित शिक्षको से दिसंबर तक का समय माँगा उन्होंने ट्राईविल के शिक्षको को भी तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश शीघ्र जारी कराने हेतु पूरा प्रयास करने की बात कही।
समग्र के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने अपने उदवोधन में कहा कि समग्र केवल संगठन नही यह शिक्षको एक परिवार है,जब नियमित संवर्ग के सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक, प्रधान पाठक, व्याख्याता एवं प्राचार्य संवर्ग की चिंता सभी संगठनों के द्वारा बंद कर दी गई, तब समग्र परिवार का गठन हुआ। उन्होंने विरोधी संगठनों का नाम लिए बगैर चुटकी लेते हुए कहा कि -जिन्होंने सचिवालय की कभी सीढ़िया नही चढ़ी, वे काम होते ही श्रेय का मुकुट पहनने को खड़े हो गए, उन्हें शिक्षको की दुर्दशा की जिम्मेदारी उठाने की हिम्मत भी दिखानी चाहिये, उन्होंने कहा पिछले शासनकाल में कर्मीकल्चर शुरू हुआ जिसका खमियाजा नई पीढ़ी ने भोग रही है, हम वेतनमान में एक स्टेप पीछे हो गए, अनुकम्पा नियुक्ति प्रक्रिया जटिल कर दी गई, 30 -38 साल की सेवा के वाद भी सहायक शिक्षक उसी पद पर सेवा निवृत्त होता रहा आप देखते रहे, ग्रीष्म अवकाश 90 से 45 दिन हो गये, अर्जित अवकाश जैसी अन्य सुविधाए भी हमसे छीनी जाने लगी आप चुप रहे।
24 जनवरी 2008 में राज्य शासन के कर्मचरियों को समयमान के आदेश जारी हुए शिक्षको को वंचित कर दिया गया, तब भी ये चुप रहे, प्रदेश के आम शिक्षक पूछने पर ये कहते थे समयमान शिक्षको को नही मिल सकता, उन्होंने कहा यदि आप सफलता का श्रेय लेने का दम भरते है तो आज नियमित शिक्षको की दुर्दशा की जिम्मेदारी लेने का साहस भी दिखावे, उन्होंने कहा अभी तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान आदेश भर हुआ है लेकिन प्रदेश भर के जिलो में इसका सही ढंग से क्रियान्वन हो, इसकी जवाबदेही जिला संयोजको को निभानी होगी, उन्होंने यह भी दुहराया कि समयमान के 10. 20. 30 के फार्मूले पर भी कोई नीतिगत रास्ता निकले,संगठन स्तर से प्रयास किया जाएगा।
संगठन की प्रदेश शक्ति प्रकोष्ठ अध्यक्ष अर्चना मित्तल महिला शक्ति की संगठन में सहभगिता को अच्छा संकेत बताया, प्रदेश कोषाध्यक्ष और तकनीकी मामलो की जानकार ज्योत्सना गुर्जर ने मंच से प्रदेश के शिक्षको की विभिन्न तकनीकी जिज्ञासाओं का समाधान किया, कार्यक्रम को प्रदेश, संभाग और जिले के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। आयोजकमंडल ने प्रदेश के कोने कोने से ब्यावरा पहुँचे शिक्षको का आभार व्यक्त किया।
संगठन को 1 लाख की सहायता देने की घोषणा बनी नजीर
इस अवसर पर इंदौर के शिक्षक और समग्र संगठन के प्रदेश सह-संयोजक श्री लक्ष्मीनारायण अग्रवाल में न केवल मंच से 1 लाख रुपये देने की घोषणा की वल्कि घोषणा पर तत्काल अमल करते हुए 1 लाख रुपये का चैक भी संगठन को प्रदान किया इस पर मंच पर उपस्थित कर्मचारी कल्याण अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा ने श्री अग्रवाल का अभिनंदन किया, संगठन ने भी उनका आभार व्यक्त किया।