झारखंड। धनबाद में अनाज के आभाव में झरिया के रिक्शा चालक बैजनाथ रविदास की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन उसे सरकारी योजना के तहत मिलने वाला सस्ता राशन उपलब्ध नहीं करा रहा था। वो रिक्शा चलाकर परिवार का पोषण करता था परंतु भूख के कारण कमजोर पड़ता गया और रिक्शा भी नहीं चला पा रहा था। बैजनाथ की मौत के बाद भी परिवार के पास भोजन के लिए राशन नहीं है। झारखंड में भूख से मौत का यह दूसरा मामला है। प्रशासन ने इस सूचना का खंडन किया है।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को धनबाद के झरिया में अनाज के अभाव में एक रिक्शा चालक बैजनाथ रविदास की मौत हो गई। पांच बच्चों का पिता बैजनाथ रविदास पिछले कई दिनों से बीमार था। वह इतना कमजोर हो गया था कि रिक्शा भी नहीं चला पा रहा था। 22 सितंबर को उसने पीडीएस में नाम दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी दिया था, जिसकी हार्ड कॉपी चार दिन पहले जमा की गई थी।
रिक्शा चालक की मौत की खबर मिलते ही डीसी ने एडीएम सप्लाई, सदर एसडीओ और झरिया सीओ को घटना स्थल पर भेज कर जांच कराई। डीसी के मुताबिक, बैजनाथ रविदास की मौत भूख से नहीं बल्कि बीमारी से हुई है। मुख्य विपक्षी पार्टी जेएमएम की तरफ से डुमरी विधायक जगरनाथ महतो और पूर्व मंत्री मथुरा महतो रविवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।
दोनों नेताओं ने पूरे मामले के लिए रघुवर सरकार को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें जमकर कोसा और न्यायिक जांच की मांग की। वहीं धनबाद के मेयर शेखर अग्रवाल ने भी पीड़ित परिजनों से मिलकर उनकी पीड़ा सुनी और जल्द राशन कार्ड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। मेयर ने पूरे मामले को प्रशासनिक गलती का नतीजा माना है।
मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके पास खाने को पैसे नहीं हैं और ना ही राशन कार्ड। पूरा परिवार दिनभर में एक ही टाइम खाना खा पाता है। उनके अनुसार, बीमार बैजनाथ रविदास सही से अपना इलाज भी नहीं करा पा रहे थे। वहीं पूरे मामले को जिला प्रशासन ने भूख से मौत मानने से इनकार कर दिया है। मामले के तूल पकड़ने के बाद भी झरिया विधायक के प्रतिनिधि या सांसद अब तक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचे हैं।