नई दिल्लीं। भारत के सबसे विवादित बयान वाले राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड बनाने जा रहे त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय (73) ने एक बार फिर सुलगता सवाल उछाला है। उन्होंने पूछा है कि यदि दीपावली के पटाखों से ध्वनि प्रदूषण होता है तो मस्जिदों से आने वाली अनाज की तेज आवाज के खिलाफ कोई लड़ाई क्यों नहीं लड़ता। बता दें कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद होता है एवं इसकी कुछ मर्यादाएं भी होतीं हैं। इस पद पर बैठा व्यक्ति आम नागरिकों की तरह किसी भी विषय पर बयान जारी नहीं कर करता। जहां तक पटाखों पर बैन का सवाल है तो वह केवल दिल्ली एनसीआर में वायुप्रदूषण के मौजूदा खतरनाक स्तर को देखते हुए लगाया गया है। रॉय को मई, 2015 में त्रिपुरा का गवर्नर बनाया गया था।
रॉय ने ट्वीट ने लिखा, ''हर साल दिवाली पर पटाखों से पॉल्यूशन (नॉइज और एयर) को लेकर जंग शुरू हो जाती है। लेकिन अजान के लिए तड़के 4.30 बजे लाउडस्पीकर्स के इस्तेमाल के खिलाफ कोई नहीं लड़ता। नॉइज पॉल्यूशन पर सेक्युलर गैंग की ये खामोशी मुझे हैरान करती है। कुरान या हदीस में लाउडस्पीकर्स का कहीं जिक्र नहीं है। मुअज्जिन को मीनारों से अजान करनी चाहिए, मीनारें इसीलिए बनाई गई हैं। लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल इस्लाम के उल्ट है।''
तथागत रॉय ने क्यों किया कमेंट?
दिवाली से पहले ममता बनर्जी सरकार ने पटाखे फोड़ने को लेकर गाइडलाइन्स जारी की हैं। पश्चिम बंगाल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा है कि रात 10 बजे के बाद 90 डेसिबल ध्वनि तीव्रता के पटाखे फोड़ने की इजाजत नहीं होगी। रॉय ने न्यूज एजेंसी से कहा कि तथाकथित सेक्युलर गैंग पटाखों से नॉइज पॉल्यूशन को मुद्दा बना कर शोर मचा रही है। उनका कहना है कि इससे दिल के मरीजों को परेशानी होगी, इसलिए पटाखों पर बैन लगा दिया जाए। पर उन्हें तड़के 4.30 बजे लाउडस्पीकर्स से होने वाली अजान से कोई दिक्कत नहीं। सरकार का ये दोहरा रवैया क्यों? मुझे बेहद दुख है कि सिर्फ वोट बैंक के लिए ऐसा किया जा रहा है।
यूपी और एमपी में लगा है प्रतिबंध
बता दें कि भाजपा शासन वाले उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश में पटाखों को लेकर गाइडलाइंस जारी की गईं हैं। उत्तरप्रदेश में तो सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करने के आदेश जारी किए गए हैं जबकि मध्यप्रदेश में पश्चिम बंगाल की तरह रात 10 बजे के बाद तेज आवाज वाले पटाखों पर बैन लगाया गया है।