शिवराज सरकार की सड़कें चुनावी मुद्दा बनेंगी

Bhopal Samachar
राजीव सोनी/भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़कों के नाम पर डेढ़ दशक बाद फिर सियासत गर्माने लगी है। वर्ष 2003 में बिजली, सड़क और पानी के मुद्दे पर सत्ता में आई भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में सड़क का मुद्दा सता सकता है क्योंकि तीसरे कार्यकाल में सरकार सड़क पर फोकस नहीं कर पाई। केंद्र एवं राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रदेश की सड़कों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। 

संभागीय मुख्यालयों को 4 लेन रोड के जरिए राजधानी भोपाल से जोड़ने की घोषणा भी पूरी नहीं हो पाई। लोक निर्माण विभाग खुद मानता है कि राज्य में करीब दस फीसदी यानी 13500 किमी सड़कें खराब हैं। 7609 करोड़ रुपए के विभागीय बजट के अलावा सड़कों के मद में प्रदेश पर कर्ज की रकम 20 हजार करोड़ पहुंचने वाली है। 

मप्र की सड़कों को अमेरिका से बेहतर बताने संबंधी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान से सड़क के नाम पर सूबे की राजनीति एकाएक गर्मा गई। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को लेकर मजाक और टिप्पणियों का सिलसिला चल पड़ा है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!