लखनऊ। हिंदुत्व के एजेंडे पर चल रही योगी सरकार ने अयोध्या, मथुरा, काशी और चित्रकूट के बाद अब प्रयागराज को महत्व दिया है। इलाहाबाद में हर छह वर्ष पर लगने वाले अर्द्धकुंभ को कुंभ और 12 वर्ष पर लगने वाले कुंभ को महाकुंभ का नाम दिया है। कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए फैसले के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करतल ध्वनि से स्वागत किया। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ने बताया कि कुंभ के लिए सरकार ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण का भी गठन किया है। सरकार कुंभ को पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाने जा रही है।
2019 के कुंभ में प्रयागराज में 12 से 13 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसी हिसाब से प्राधिकरण को तैयारियों के लिए जवाबदेह बनाया जा रहा है। तैयारी ऐसी की जा रही है कि महाकुंभ के लिए भी वह उपयोगी बनी रहे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष का दायित्व इलाहाबाद के कमिश्नर को होगा जबकि आइजी उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे। मेलाधिकारी की अलग से नियुक्ति की जाएगी।
सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि माघ मेला के माध्यम से उत्तर प्रदेश को शो केस के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही इमेज बिल्डिंग हो सकेगी। शासकीय गारंटी पर पांच करोड़ देय शुल्क माफ कैबिनेट ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड संघ 2017-18 की पेराई के लिए देय शुल्क माफ किया जाएगा। यह सहायता सहकारी बैंक के जरिये उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय गारंटी पर पांच करोड़ 77 लाख रुपये का देय शुल्क है जिसे माफ किया जाना है।
लाइसेंस शुल्क में दस गुना कमी
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी नियमावली 1965 के नियम 67 में संशोधन करते हुए व्यापारी और किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस फैसले से लाइसेंस के शुल्क में दस गुना कमी की गई है। इसका लाभ छोटे व्यापारी भी उठा सकेंगे। पहले एकीकृत लाइसेंस शुल्क एक लाख रुपये लगते थे लेकिन, कैबिनेट ने इसे घटाकर दस हजार रुपये कर दिया है। इससे ई-पेमेंट और डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
अब पांच वर्ष के लिए मिलेगा सिनेमा हाल का लाइसेंस
कैबिनेट ने चलचित्र अधिनियम 1955 में संशोधन करते हुए मनोरंजन को बढ़ावा देने की पहल की है। पहले लाइसेंस की प्रक्रिया में देरी होती थी लेकिन, इस फैसले से प्रक्रिया सरल की गई है।
अब लाइसेंस के लिए आनलाइन अर्जी दे सकते हैं। इस अर्जी को तीन दिन में निस्तारण करना होगा। निस्तारण न करने वाले जवाबदेह अफसर पर कार्रवाई होगी।
इस संशोधन में सबसे महत्वपूर्ण पहल तीन वर्ष के स्थान पर अब पांच वर्ष का लाइसेंस दिया जाएगा। स्कूल और अस्पताल के बगल में सिनेमाघर बनाए जाने पर अनापत्ति प्राप्त करने संबंधी तमाम अड़चनों को भी समाप्त कर दिया गया है।
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