नई दिल्ली। अमेरिका के सामने चीन ने पाकिस्तान के लिए वकालत शुरू कर दी है। चीन का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान सबसे आगे है। अमेरिका को यह बात समझना चाहिए और उसे तवज्जो देना चाहिए। बता दें कि चीन, पाकिस्तान को अपना सदाबहार सहयोगी कहता है। चीन चाहता है कि अमेरिका, पाकिस्तान को उसी तरह मदद करता रहे जैसे कि वो वर्षों से करता आया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसफ डनफोर्ड की टिप्पणी के जवाब में यह बात कही।
डनफोर्ड ने कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं और इस्लामाबाद को अपना बर्ताव बदलना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे है। जनरल डनफोर्ड के बयान के संबंध में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मंत्रालय ने कहा कि वर्षों से पाकिस्तान ने आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय प्रयास किए हैं। इसके लिए उसने बड़ी कुर्बानियां दी हैं।
अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने सदन की सशस्त्र सेवा समिति को बताया था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना बर्ताव बदलने को कहा है और वॉशिंगटन इस्लामाबाद के साथ एक बार और काम करेगा। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को पूरी तरह मानना चाहिए। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलर्सन पाकिस्तान का दौरा करेंगे और वहां के नेताओं को ट्रंप प्रशासन का कड़ा संदेश देंगे कि उन्हें आतंकी समूहों को समर्थन देने की अपनी नीति में बदलाव करना होगा।