भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की तीसरी पारी की शुरूआत से लेकर अब तक उनके तनाव का सबसे बड़ा कारण रहे व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने उन्हे बेदाग घोषित किया है। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं व्हिसिल ब्लोअर डॉक्टर आनंद के दावों को खारिज करता हुए यह भी लिखा है कि हार्ड डिस्क में 15 जुलाई 2013 के बाद कोई भी छेड़छाड़ नहीं हुई है। सीबीआई ने यह भी कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व एक अन्य द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट और सीबीआई को सौंपी गई दो पेन ड्राइव झूठे दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई थीं।
भोपाल अदालत में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एससी उपाध्याय की अदालत में मंगलवार को पीएमटी 2013 के मामले में 490 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने चालान पेश किया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं मामले में हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ को लेकर हुई विवेचना की रिपोर्ट भी भोपाल की अदालत में प्रस्तुत की गई।
सीबीआई ने हार्ड डिस्क छेड़छाड़ मामले में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और एक अन्य द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट और सीबीआई को जो दो पेन ड्राइव दी गई थीं, उनमें सीएम शब्द जोड़ने के तथ्य को हैदराबाद की सेंट्रल फॉरेंसिंक साइंस लेबोरेटरीज (सीएफएसएल) ने 18 जुलाई 2013 को जोड़ा जाना पाया है। जबकि सीएफएसएल ने हार्ड डिस्क में 15 जुलाई 2013 के बाद कोई भी तथ्य नहीं जोड़े गए।
15 जुलाई 2013 को यह हार्ड डिस्क सील की गई थी। इस तरह सीबीआई ने दो पेन ड्राइव को झूठे दस्तावेजों के आधार पर बनाने की बात कही है। इधर, सीबीआई ने पीएमटी 2013 के मामले में जिन 490 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया है, उनमें तीन व्यापमं के अधिकारी, तीन रैकेटियर, 17 बिचौलिए, 297 सॉल्वर और 170 वे अभिभावक हैं, जिनके बच्चों को परीक्षा में फायदा हुआ है। उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को सीबीआई द्वारा क्लीनचिट दिए जाने के मामले में कहा है कि यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है।