
शिवराज ने कहा कि सरकार जहरीली शराब बेचने वालों पर लगाम कसने के लिए यह कानून ला रही है। उन्होंने कहा कि शराब बंदी के ऐलान से काम नहीं चलेगा, इससे शराब माफिया प्रदेश में अवैध शराब बेचेंगे। शराबबंदी से शराब माफिया पनपते हैं।
उन्होंने कहा कि शराब मुक्ति और शराबबंदी में से हमें किसी एक पर विचार करना होगा। एक झटके में शराब बंद नहीं होती। मप्र को हम धीरे-धीरे नशा मुक्ति की तरफ ले जाएंगे। सरकार ने नर्मदा किनारे शराब दुकानें बंद की हैं।
धीरे-धीरे शराब की दुकानों को बंद कर चरम सीमा पर पहुंचेंगे। युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन युवाओं को नशे की तरफ ले जाते हैं। रैली के दौरान गायत्री परिवार ने शराब मुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा।