हम सभी जानते है की दीपावली अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन सूर्य अपनी नीच राशि तुला तथा चंद्रमा भी इस समय तुला राशि मे रहता है। यह स्थिति जब से दीपावली मन रही है तब से है प्रकाश के दो परमकारक ग्रह और चंद्र के तुला राशि मे होना ही इस महापर्व का नियत समय होता है। भारतीय मनीषियों ने ग्रह नक्षत्रों की खगोल मंडल मे बनने वाली अंधकारपूर्ण स्थिति मे जिससे मानव नकारात्मक तथा अंधकारमई स्थितियों का शिकार न होकर प्रकाशमय स्थिति की ओर चले इसके लिये इस पर्व को अति महत्वपूर्ण बनाकर समाज की परम्परा मे रूप मे ढाला है।
सभी राशियों के लिये दीपावली की स्थिति
दीपावली के दिन सूर्य चंद्र तुला राशि मे रहते इस दिन अमावस्या रहती है। पूर्ण अंधकार को दूर करने के लिये दीपजलाये जाते हैं। इसलिये इसे दीपावली कहते है, सभी राशियों के लिये यह पर्व अलग परिणाम देता है इसका हमे ध्यान रखना चाहिये।
*मेष*-राशि के सातवें भाव यानी परिवार जीवनसाथी तथा व्यापार मे साझीदारी वाले भाव मे सूर्य चंद्र का सम्बंध रहता है सुख सुविधा की वृद्धि होती है मान सम्मान की वृद्धि होती है राज्य की ओर से मदद का योग बनता है लेकिन जीवनसाथी,परिवारों तथा व्यापार मे साझीदार पर दबाव बढ़ता है उनकी ओर विशेष ध्यान देना चाहिये तभी दीपावली मंगलकारी होगीं।
*विशेष उपाय*-अपनी पत्नी या परिवार के साथ भगवान राम के मंदिर जायें उन्हे प्रसाद अर्पण करें साथ दीपक भी लगायें।
*वृषभ*-पत्रिका के छ्ठे स्थान मे सूर्य चंद्र की स्थिति रोग, शत्रु, बीमारी का संकेत करती है स्वास्थ्य का ध्यान रखें खानपान मे सावधानी बरतें, अधिक व्यय से बचें। प्रवास को टाले।
*विशेष उपाय*-अपने मामा या मौसी के साथ भगवान कालभैरव का दर्शन करें साथ ही चार बत्ती का दीपक प्रज्वलित करें ।
*मिथुन*-पाँचवे स्थान मे सूर्यचंद्र की स्थिति लिये मनोरंजन, लाभ तथा आनंददायक स्थितियों का निर्माण करती है, यदि मित्रों, संतान पक्ष की ओर विशेष ध्यान दें तो दीपावली आपके लिये मंगलकारी होगी।
*विशेष उपाय*-अपने खास मित्र स्त्री या पुरुष कोई भी के साथ जाकर राधाकृष्ण के दर्शन करें उन्हे माखनमिस्री का भोग अर्पण करें साथ ही दीपक प्रज्वलित करें।
*कर्क*-माता,भवन,जनता तथा समाज स्थान मे चंद्र तथा सूर्य की स्थिति उपरोक्त परिणाम मे वृद्धि करते है।माता की अच्छी सेवा तथा जनता से अच्छे सम्बंध आपको दीपावली मे प्रसन्न रहने
का भरपूर मौका दे सकता है।यदि आपकी मां नही है तो उसे प्रसन्नतापूर्ण तरीके से याद करें उसका मनपसंद भोग लगाकर खुद खायें तथा गाय को दें।
*विशेष उपाय*-अपनी मां के साथ जाकर भगवान शिव का दर्शन करें तथा ऐसा दीपक प्रज्वलित करें जो कम से कम मध्यरात्रि तक जले।
*सिंह*-इस राशि के लिये तीसरे स्थान से सूर्य चंद्र का भ्रमण होता है भाईबहन,मित्रोंके साथ मिलकर
त्योहार मनायेंगे तो भाग्यवर्धक सफलता मिलेगी।
*विशेष उपाय*-इस दिन अपने छोटे भाई के साथ जाकर हनुमानजी के मंदिर मे खीर का भोग तथा घी का दीपक लगाये तो भाग्य खुलेगा।
*कन्या*-इस राशि के लिये धन स्थान मे चंद्रसूर्य की स्थिति आर्थिक क्षेत्र मे अच्छा लाभ का योग बना सकते है व्यापार मे आमदनी वृद्धि के योग।
*विशेष उपाय*-अपने परिवार की वृद्ध महिलाओं के साथ अपने कुलदेवता या भगवान कृष्ण के मंदिर जाकर दीपदान करें,मस्तक पर दूध का तिलक लगाये।
*तुला*-पत्री के प्रथम भाव से चंद्रसूर्य का भ्रमण मान सम्मान की वृध्दि करेगा।शुभ दीपावली के लिये आपको इस दिन पिता के साथ विवाद से बचना होगा साथ ही ब्रम्हामुहूर्त मे स्नान करना होगा।
*विशेषउपाय*-अपने पिता के साथ सूर्य को जल अर्पण करें रात मे विष्णु मंदिर जायें और दीपदान करें।
*वृश्चिक*-इस दिन आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिये,स्वास्थय का ध्यान रखें सूर्योदय के पश्चात बिल्कुल शयन न करें।शासकीय विवादों से दूर रहें।
*विशेष उपाय*-इस दिन किसी भी प्रकार के भोगविलास से बचें।यात्रा भी टालें,कालभैरव मंदिर मे जाकर दर्शन करें तथा चौमुखा दीपक लगाये।
*धनु*-व्यापार व्यवसाय मे खास लाभ का योग।आमदनी के स्त्रोत अच्छा लाभ देंगे,गुप्त रूप से लाभ का योग,धन योग प्रबल।
*विशेष उपाय*-अपने बड़े भाई या पिता के साथ गुरुमंदिर के दर्शन करे दीपदान भी करें।
*मकर*-राज्य मे मान सम्मान तथा नौकरी मे वृद्धि व पदोन्नति का योग।व्यापार व्यवसाय के लिये शुभ समय।
*विशेष उपाय*-अपने पिता के साथ कार्य स्थल मे पूजन करें साथ ही वहां दीपक लगाये।
*-कुम्भ*-भाग्य स्थान से सूर्यचंद्र का भ्रमण आपको भाग्यवर्धक परिणाम दे सकता है नौकरी व्यापार आदि क्षेत्रों मे भाग्यवृद्धि का योग।
*विशेष उपाय*-अपने पिता के साथ भगवान कृष्ण के मंदिर जायें माखन मिश्री का भोग लगाये तो निश्चित रूप से भाग्यवर्धक परिणाम प्राप्त होंगे।
*मीन*-निराशा को मन मे न हावी होने दे, व्यर्थ की चिंता से दूर रहें जटिल कार्यों से दूर रहें।
*विशेष उपाय*-किसी कुआँ या श्मशान भैरोमंदिर मे दर्शन करें और चौमुखा दीपक प्रज्वलित करें।
*प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"*
9893280184,7000460931