DOCTOR की इजाजत मिलते कैलाश विजयवर्गीय ने मुंह खोला, पढ़िए क्या क्या बोला

Bhopal Samachar
इंदौर। विवादित बयानों के लिए अक्सर सुर्खियां बटोरने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पिछले कई दिनों से चुप थे। साइनस की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने सख्त हिदायत दी थी कि वो किसी से बातचीत नहीं करेंगे। विजयवर्गीय को डॉक्टरों की यह हिदायत किसी सजा सी लगी फिर भी उन्होंने मजबूरी में मौनव्रत धारण किया। जैसे ही डॉक्टरों ने उन्हे बोलने की अनुमति दी, विजयवर्गीय ने उन तमाम मुद्दों पर एक साथ बयान जारी कर दिए जो उनके चुप होने से आज तक घटित हुए हैं। कुल मिलाकर उन्होंने एक साथ भरपेट बयान जारी किए। 

कैलाश ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमुल कांग्रेस के बड़े नेता और ममता बनर्जी के नेक्स्ट माने जाने वाले मुकुल रॉय बीजेपी में आने के इच्छुक हैं, उनसे बातचीत भी हो चुकी है। मुकुल रॉय के बीजेपी में आने से तृणमूल कांग्रेस कमजोर हो जाएगी। फिर उन्होंने यशवंत सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि उनके बयानों की संगठन को पूरी जानकारी है और वक्त के साथ सिन्हा और दूसरे नेताओं पर भी कार्रवाई की जाएगी।

अब बारी आई राहुल गांधी की। विजयवर्गीय ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी का कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना बीजेपी के लिए शुभ होगा, अध्यक्ष बनते ही बीजेपी के पक्ष में सभी ग्रह-नक्षत्र हो जाएंगे। पटाखा प्रतिबंध के समय विजयवर्गीय कुछ नहीं बोल पाए थे इसलिए अब बोले। कहा फुलझड़ी मत जलाओ, होली पर रंग में मत खेलो, सभी आचार संहिता हिन्दू त्यौहार के लिए बनाई जाती है, जबकि बकरीद जैसे हिंसक त्योहार पर कोई कुछ नहीं बोलता।

इन दिनों हर भाजपा नेता के बयान और भाषण का अंत गुजरात से होता है। विजयवर्गीय का भी हुआ। उन्होंने गुजरात में बीजेपी की जीत का भरोसा दिलाया है, साथ ही सोशल मीडिया के लिए आचार संहिता बनाने की पैरवी भी की है।

ohh NO: केरल रह गया है कैलाश
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने अस्पताल में जमा होने से लेकर आज तक देश भर की सुर्खियों में आए लगभग हर मामले पर बयान जारी किया परंतु केरल का मुद्दा रह गया। यह तो कैलाश विजयवर्गीय की रुचि का विषय था। इस पर तो वो घंटों बोल सकते हैं। यदि स्वस्थ होते तो शायद केरल में ही होते। पता नहीं कैसे चूक गए। 

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