मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के आरोपी डीएसपी अजय सिंह पवार की मौत हो गई। अजय सिंह पवार पर व्यापम के जरिए हुई वन रक्षक परीक्षा में गड़बड़ी कर अपने बेटे को नौकरी दिलाने का आरोप था। व्यापम घोटाले में आरोपी बनाए जाने के बाद अजय सिंह पवार को निलंबित कर दिया गया था। उज्जैन के महाश्वेता नगर में रहने वाले डीएसपी अजय सिंह पवार की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी। इस वजह से इंदौर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान बुधवार सुबह उनका निधन हो गया।
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि व्यापम घोटाले से जुड़ी मौतों पर विवाद तब पैदा हुआ जब मध्य प्रदेश पुलिस ने दाखिले और भर्ती घोटाले से जुड़े मामलों में अपनी प्राथमिकी में मृत व्यक्तियों के नाम बतौर आरोपी शामिल किए। मध्य प्रदेश में दाखिले और भर्ती घोटाले में शामिल संदिग्धों को बचाने की कथित साजिश की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जांच एजेंसी को 24 लोगों की मौत की जांच करने के लिए कहा गया था।
जांच में पाया गया कि 24 मौतों में से 16 लोगों की मौत व्यापम घोटाले में राज्य पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने से काफी पहले ही हो चुकी थी। सीबीआई ने मौतों के पीछे किसी तरह की साजिश से इनकार किया है। सीबीआई ने कहा कि बाकी लोगों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।