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आरोप है कि सरकार ने केवल नाम के लिए घोषणा पूरी कर वाहवाही लूट ली। आऱटीआई में जो जानकारी सामने आयी है उससे स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की सरकार ने इस घोषणा के माध्यम से छात्रों को नहीं बल्कि चंद लोगों को फायदा पहुंचाया है।
पौने चार लाख स्मार्ट फोन का टेंडर बंद हो चुकी कंपनी को दे दिया। जब छात्रों ने स्मार्ट फोन की शिकायत की तो कुछ दिनों के लिए स्मार्ट फोन वितरण पर रोक लगा दी गई लेकिन कुछ समय बाद फिर कॉलेज छात्रों को स्मार्ट फोन बंटना शुरू हो गए और सरकार ने 31 अक्टूबर तक सभी कॉलेजों में स्मार्ट फोन बांटने आदेश दे दिए। अब कॉलेजों में 75 फीसदी अटेंडेंस वाले छात्रो को ही स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं।