जीएसटी के लागू होने के बाद से छोटे कारोबारियों को आ रही दिक्कतों पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठनों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। इन संगठनों ने केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि वो इन्हें राहत प्रदान करें। सूत्रों के मुताबिक, छोटे कारोबारियों को जीएसटी के लागू होने के बाद से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी ऐसे कारोबारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम 1.5 करोड़ रुपये है। वहीं ऐसे कारोबारी अपने तैयार माल को दूसरे राज्यों में बेचता है तो उसे किसी प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिलता है।
मुरैना से धौलपुर में सामान बेचना मुश्किल
आरएसएस से जुड़े संगठन लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल ने कहा कि जीएसटी के चलते मध्य प्रदेश के मुरैना का कारोबारी अपना सामान कुछ किलोमीटर दूर राजस्थान के धौलपुर जिले में नहीं बेच सकता है। यह हाल अकेले यहां का नहीं है बल्कि पूरे देश में मौजूद छोटे कारोबारियों का है।
बड़े और छोटे कारोबारियों पर लगने वाला टैक्स भी समान
छोटे कारोबारियों पर जो टैक्स लगता है वो बड़ी कंपनियों जितना ही लगता है। उदाहरण के तौर पर गोदरेज कंपनी जो ताले बनाकर बेचती है उस पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। इतना ही टैक्स यूपी के अलीगढ़ में ताले बनाने वाले कारोबारी देते हैं। जहां गोदरेज फ्रेश बने लोहे का प्रयोग करता है, वहीं अलीगढ़ के कारोबारी कबाड़ में बेचे गए लोहे का प्रयोग करते हैं।
आरएसएस नेताओं ने की वित्त मंत्री से बात
आरएसएस के कारोबारी संगठन से जुड़े नेताओं ने इस संबंध में भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली व पीयूष गोयल से मुलाकात करके छोटे कारोबारियों को राहत देने की अपील भी की है।