नई दिल्ली। मोदी सरकार ने विश्वविद्यालयों में एडमिशन और परीक्षा फीस पर भी जीएसटी लगा दिया है। अब इसका विरोध शुरू हो गया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ एवं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ आदित्य नारायण मिश्र ने एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि इस तरह के टैक्स तत्काल हटा लिए जाएं। यह युवाओं को हतोत्साहित करने वाले हैं और इसे देशहित में लिया गया फैसला नहीं कहा जा सकता।
डॉ मिश्र ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को लिखे पत्र में मांग की है कि2024 तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश हो जायेगा। उन्होंने कहा कि 64 प्रतिशत आबादी युवा कार्यबल की होगी। इस तरह युवा वर्ग हमारी कीमती सम्पति है, लेकिन सरकार दाखिले और परीक्षा शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर आर्थिक रूप से कमजोर एवं सामाजिक रूप से पिछड़े छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित कर रही है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारत एक विकासशील देश है और लाखों करोड़ों लोग आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में छात्रों पर इस तरह जीएसटी लगाना उन्हें, खासकर वंचित वर्ग के लोगों को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश है। डॉ मिश्र ने कहा कि सरकार को शिक्षा पर जीएसटी नहीं लगाना चाहिए और अपने फैसले तो तत्काल वापस लेना चाहिए।