
बताया जा रहा है कि आरोप लगाने वाली युवती आइएएस अफसर की गोद ली हुई बेटी है। उधर, उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी का कहना है कि ऐसा कोई मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं है। अगर कहीं जीरो एफआइआर हुई होगी तो वो भी यहां ट्रांसफर नहीं हुई है।कमिश्नर रैंक के एक अधिकारी की बेटी ने उनपर यह आरोप एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में लगाया है। इस बाबत जब संबंधित आइएएस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
उनका कहना है कि उनकी पुत्री मानसिक रूप से बीमार है। कुछ साल पहले उसने नैनीताल में घुड़सवारी सिखाने वाले युवक पर भी आरोप लगा दिया था। इतना ही नहीं, दिल्ली के एक संस्थान में उसका दाखिला कराया गया था। वहां भी उसने संस्थान के कर्मचारियों पर इसी तरह का आरोप लगा दिया था, जिसके बाद मेरी पुत्री को संस्थान से निकाल दिया गया था।
नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया कि प्रकरण सुनने में तो आया है लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। यदि अजमेर में कोई मामला दर्ज हुआ होगा और उसकी जांच नैनीताल पुलिस को ट्रांसफर होगी तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।