गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के आईटी इंजीनियर्स को बड़ी चुनौती दी है। उन्होंने खुला चेलेंज देते हुए कहा है कि जब हमारे पास नेचुरल टैलेंट है तो गूगल, फेसबुक और यूट्यूब जैसी साइटों पर हमारी निर्भरता क्यों है। उन्होंने आह्वान किया कि दुनिया भर के लिए उपयोगी साफ्टवेयर बनाएं और पूरी दुनिया में धूम मचा दें। गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आईआईटी-गांधीनगर की बिल्डिंग का इनॉगरेशन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बुद्धि किसी की बपौती नहीं। आपका ज्यादातर वक्त लैब में बीतता है। मैं नहीं चाहता कि देश का नौजवान किसी एक गलियारे में बंधे। हम इनोवेशनल को बल दें, ये मांग है। अटल इनोवेशन मिशन हमने तैयार किया है। इसके जरिए देश के स्कूलों को थिंकिंग लैब के लिए पैसे दे रहे हैं ताकि बच्चे इनोवेशन के लिए प्रेरित हों। आज सरकार देश के अलग-अलग हिस्सों में डिजिटल लिटरेसी बढ़ाने के लिए काम कर रही है। अगर यूजर फ्रैंडली टेक्नोलॉजी बनाई जाए तो हम डिजिटल लिटरेसी को ओर तेजी से बढ़ सकते हैं।
आईटी की महारत है पर गूगल, यूट्यूब, फेसबुक कहीं और हैं? मैं भारत के नौजवानों को चुनौती देता हूं कि इनोवेशन के लिए हम आगे बढ़ें। बुद्धि किसी की बपौती नहीं होती। आप चेत जाओगे तो देश दुनिया को बहुत कुछ देकर जाओगे। अच्छे इनोवेशन का तरीका दूसरा होता है। अकेडमिक नॉलेज के आधार पर इनोवेशन एक तरीका है। आप अपने अगल-बगल की समस्याओं और कठिनाइयों के देखिए और सोचिए कि इसका समाधान दे सकते हैं कि किसी दूसरे की जिंदगी सुधरे। वो बहुत बड़ा बिजनेस मॉडल बन सकता है।"