भोपाल। मध्यप्रदेश में गंभीरता के साथ चुनाव मैदान में उतरने की प्लानिंग कर रही आम आदमी पार्टी के पास फिलहाल ना फंड है ना कैंडिडेट्स लेकिन पार्टी तैयारियां कर रही है। चंदा जुटाने के लिए आप के स्पेशलिट काम पर लग गए हैं। अब नेता जुटाने की तैयारी शुरू हो गई है। गैर राजनैतिक क्षेत्रों से प्रत्याशी लाने का अनुभव अच्छा नहीं रहा इसलिए अब वही पुराना टेस्टेड ओके फार्मूला यूज किया जा रहा है। दूसरे दलों के दमदार लेकिन असंतुष्टों को जुटाओ और पार्टी को ताकतवर बनाओ। पिछले करीब एक दर्जन जिलों के दो दर्जन नेताओं को एक महीने में पार्टी ने अपने साथ ले लिया है।
विधानसभा चुनाव 2018 में पहली बार उतर रही आप धीरे-धीरे अपने संगठन को मजबूत कर रही है। इस समय पार्टी की नजरें भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी के अलावा क्षेत्रीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी व लोकतांत्रिक पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के उपेक्षित नेताओं पर हैं। एक महीने के भीतर पार्टी ने बालाघाट, छिंदवाड़ा, भिंड, सतना, उज्जैन सहित डिंडौरी, सिंगरौली, रीवा, ग्वालियर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर जैसे स्थानों पर विभिन्न् दलों के नेताओं को पार्टी ज्वॉइन कराई है।
दूसरी पार्टियों के प्रमुख उपेक्षित नेता जो अब आप के साथ
भिंड में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़कर 11 हजार 500 वोट हासिल करने वाले अरविंद नरवारिया, भाजपा के भिंड के अमायन मंडल के ब्रह्मकिशोर दुबे व प्रदीप शर्मा, ग्वालियर के कांग्रेस नेता राजेश सिंह जादौन, उज्जैन के महिदपुर नपा के एल्डरमैन रहे पूनमचंद्र परमार व घट्टिया के पूर्व कांग्रेस नेता आनंदपाल सिंह चौहान, भाजपा के छिंदवाड़ा जिले के मंडल अध्यक्ष रहे चुनेंद्र बिसेन व संजय रंगारे, अनिमेष पांडे, कांग्रेस से जुड़े बालाघाट में पूर्व जनपद सदस्य भगतराम हाथीमारे, सतना के पूर्व पार्षद नंदलाल साहू, सतना के विंध्य चैंबर ऑफ कॉमर्स के लखन अग्रवाल, रीवा के बसपा नेता गुलाब सिंह, खरगोन में बसपा से चुनाव लड़ चुके कैलाश रोकड़े व अलीराजपुर के प्रत्याशी रहे अंतर सिंह पटेल, बड़वानी के कांग्रेस नेता शैलेश चौबे के नाम प्रमुख रूप से आप द्वारा गिनाए जा रहे हैं।