भोपाल। वर्षो से मप्र के शासकीय विभागों और उनकी परियोजनाओं में कार्य करने वाले प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों ने नियमित किए जाने तथा हटाये गये संविदा कर्मचारियों की बहाली को लेकर 1 नवम्बर से चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान कर दिया है। चिनार पार्क में आज हुई संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की बैठक में सभी विभागों के संविदा कर्मचारी संगठनों और कर्मचारियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि प्रदेश के सभी विभागों में कार्य करने वाले ढाई लाख संविदा कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि स्कूलों में 200 दिन कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को नियमित पदों पर संविलयन करने के लिए सरकार ने नीति बना दी लेकिन विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से मेरीट के आधार पर आरक्षण रोस्टर का पालन कर दस से बीस सालों से विभागों में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को सरकार ने नियमितीकरण के लिए कोई नीति नहीं बनाई।
वहीं सरकार ने सरंपचों के द्वारा नियुक्त गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षाकर्मियों, दैनिक वेतन भोगियों को नियमित कर दिया लेकिन नियमाअनुसार नियुक्त हुये संविदा कर्मचारियों का सरकार शोषण कर रही है जिससे प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों अधिकारियों में आक्रोश है।जिसको लेकर प्रदेश के सभी विभागों में कार्य करने वाले ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी 1 नवम्बर 2017 से चरणबद्ध आंदोलन करने जा रहे है।
पहले चरण में संविदा कर्मचारी अधिकारी 1 नवम्बर 2017 से काली पट्टी बांधकर पूरे प्रदेश में कार्य करेंगें। काली पट्टी बांधकर ही सरकारी बैठकों में जायेंगें। 5 नवम्बर को राजधानी भोपाल में नियमितीकरण के लिए, हटाये गये संविदा कर्मचारियों की बहाली के लिए, समान कार्य समान वेतन के लिए धरना देंगें । 10 नवम्बर से 20 नवम्बर तक मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रोजाना रोशनपुरा से मुख्यमंत्री निवास तक पदयात्रा करके मुख्यमंत्री से मिलने के लिए निवेदन करेंगें और ज्ञापन सौंपेगें।
उसके बाद अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के अगले चरण की घोषणा करेंगें। बैठक मेें प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में चंद्रेष सक्सेना, विजय देवलिया, देवेन्द्र उपाध्याय, अमर सिंह जाटव, लोकेन्द्र श्रीवास्तव, अमित कुलहार, अनुप पटेल, राहुल जैन, अवधेष दीक्षित, जी.एस. अहिरवार आदि कर्मचारी नेता उपस्थित थे।