भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह को भारत की कानूनी प्रक्रियाएं पसंद नहीं हैं। वो चाहते हैं कि उनके आरोपियों को क्या सजा देनी है, इसका अधिकार उन्हे ही दे दिया जाए। पुलिस आरोपियों को पकड़कर न्यायालय में पेश करने के बजाए मंत्रीजी के सुपुर्द कर दे। मंत्रीजी सुनवाई करेंगे और वो ही सजाएं भी दे देंगे। मामला पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक गंदे डांस के वीडियो का है जिसमें किसी दूसरे नेता को विजय शाह बता दिया गया था।
इस मामले में विजय शाह ने एफआईआर दर्ज कराई और पुलिस ने कई गिरफ्तारियां भी कीं। लगभग उन सभी लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इस तरह के मामलों में कानूनी प्रक्रिया है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद मुचलके पर रिहा कर दिया जाता है और मामला न्यायालय में पेश किया जाता है ताकि सजाएं तय की जा सकें। मप्र पुलिस पूरी संवेदनशीलता के साथ अपना काम कर रही है परंतु मंत्रीजी इससे संतुष्ट नहीं हैं।
प्रदेश के विकास का रोडमैप बनाने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के चौदह समूहों की सोमवार को मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें आतंकवाद मुक्त मध्यप्रदेश और आंतरिक सुरक्षा को लेकर समिति जब अपना प्रस्तुतिकरण दे रही थी तब स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि सोशल मीडिया में किसी विधायक का डांस वाला वीडियो मेरे नाम से डालकर मुझे बदनाम कर दिया। इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा करने वाले को पकड़ा और फिर 75 हजार रुपए के मुचलके पर छोड़ भी दिया।
जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने समझाया कि पुलिस ने कार्रवाई की तभी तो गिरफ्तारियां हुईं और मुचलके पर छोड़ा गया। इस पर शाह ने कहा कि आप तो उन्हें मेरे हवाले कर दो। मैं ठीक करता हूं। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि इन्हें छूट दे दो। ये गिरफ्तार भी कर लेंगे और निपटारा भी कर लेंगे। कुल मिलाकर मंत्रीजी चाहते हैं कि आरोपियों को फरियादी के हवाले कर दिया जाए। वो खुद तय करेंगे किसे क्या सजा देनी है। कानूनी प्रक्रिया के तहत जो कार्रवाई हो रही है, उसमें उन्हे भरोसा नहीं है।