
उन्हें यह भी बताया गया कि संसद में प्रस्तावित संविधान संशोधन उन न्यायालयीन निर्णयों का अपमान हैं, जो वर्तमान संवैधानिक व्यवस्थाओं को आँककर मान न्यायालयों ने लगातार दिये हैं। यह निवेदन भी किया गया कि इस संशोधन का सांसद महोदय विरोध करें। सांसद महोदय से यह गुजारिश भी कि गई कि प्रदेश में तंत्र में आगे और अराजक स्थितियॉ निर्मित हों इसके पूर्व ही शासन को न्यायपूर्ण कार्यवाही करने की सार्थक पहल करें।
मान सांसद द्वारा उनकी ओर से उचित कार्यवाही के लिये आश्वस्त किया गया। ज्ञापन देने हेतु संस्था पदाधिकारी और संस्थापक सदस्य श्री के एस तोमर, श्री ए के जैन, श्री बी एम सोनी, श्री पी पी सिंघ, श्री एस के श्रीवास्तव, श्री भदौरिया व अन्य के साथ साथ समाज संस्था अध्यक्ष श्री ललित शास्त्री एवं युवा ईकाई प्रमुख श्री अभिषेक सोनी उपस्थित रहे।