
भोपाल समाचार को प्राप्त हुए शिकायत ईमेल में लिखा गया है कि एमपीपीएससी 2017 में श्रवण-बाधित विकलांगो के लिये 6 पद आरक्षित थे जिनमें 5 पद नायब तहसीलदार और 1 पद बाल विकास परियोजना अधिकारी के लिये आरक्षित है। एमपीपीएससी 2017 का जब मुख्य परीक्षा परिणाम आया तो उसमें केवल एक आवेदक जिसका रोल नं. व नाम 168984 अजीत तिवारी है, दर्ज था। इसके अलावा शेष 5 आरक्षित पदों पर कोई नाम नहीं था जबकि मुख्य परीक्षा के लिये 15 श्रवण-बाधित उत्तीर्ण हुए थेे।
श्रवण-बाधित आवेदकों का कहना है कि उनके अंक कट ऑफ अंक से बहुत अच्छे होंगे और यह सब परीक्षा नियंत्रक ‘दिनेश जैन और मदन लाल (गोखरू) जैन’ का किया कराया है। श्रवण-बाधित विकलांग आवेदकों ने एमपीपीएससी सचिव डॉ. पवन कुमार शर्मा के नाम पर इस विषय में एक पत्र भी भेजा था जिसका इनके द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया है।
श्रवण-बाधित आवेदकों का कहना है कि ‘दिनेश जैन और मदन लाल (गोखरू) जैन’ ने हम श्रवण-बाधित आवेदकों का नाम हटाकर के ‘‘जैन समुदाय’’ के आवेदकों का नाम जोड़ा है।श्रवण-बाधित आवेदकों ने एमपीपीएससी सचिव डॉ. पवन कुमार शर्मा से विन्रम आग्रह किया है कि श्रवण-बाधित आवेदकों का मुख्य परीक्षा परिणाम संशोधन करके जारी किया जाऐ अन्यथा श्रवण-बाधित आवेदक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिये बाध्य होंगे।