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सपाक्स की मुख्य मांगे इस प्रकार हैं
1- वर्ष 2010 से अभी तक कि पूरी भर्ती प्रक्रिया की CBI जांच हो, साथ ही माननीय न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश महोदय की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया जाए।
2- MPPSC को पूर्ण रूप से सूचना के अधिकार अधिनियम में लाया जाए।
3- उत्तर पुस्तिका और शीट को कम से कम 5 साल के लिए सुरक्षित रखा जाए।
4- सभी परीक्षा केंद्र पर दूसरे जिलों के मुख्य पर्यवेक्षकों की ड्यूटी बदल बदल कर लगाई जाए।
5- इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग की जाए और उसे भी 5 साल के लिए सुरक्षित रखा जाए।
प्रदेश में लगभग 1.5 लाख से अधिक छात्र इस समय MPPSC की तैयारी कर रहे हैं। सभी छात्रों से यही निवेदन है कि इस आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे ताकि स्वच्छ व्यवस्था और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया लागू हो सके और दोषियों को उनकी सज़ा मिल सके। बता दें कि मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग 2017 में जैन समाज के परीक्षार्थियों को पास करने वाला मामला सबसे पहले भोपाल समाचार डॉट कॉम ने उजागर किया है।