भोपाल। टीकमगढ़ में किसान आंदोलन के दौरान किसानों को थाने में नंगा करके पीटने का मामला तूल पकड़ गया है। इधर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बयान दिया है कि जिन्हे पकड़ा गया था वो किसान नहीं कांग्रेसी थे लेकिन उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि प्रदर्शनकारियों को थाने में बंद करके कपड़े उतरवाकर पीटना किस तरह से उचित हो सकता है। सीएम शिवराज सिंह ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जांच डीजीपी करेंगे। सीएम शिवराज सिंह का कहना है कि कांग्रेस अनावश्यक रूप से ऐसी परिस्थिति बनाती है कि कुछ हंगामा हो।सीएम ने जेल प्रहरियों के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के बाद मीडिया से यह बात कही।
क्या है मामला
मंगलवार को कांग्रेस ने टीकमगढ़ में किसानों के साथ कलेक्टर कार्यालय के बाहर घेराव करने की कोशिश की। वो टीकमगढ़ को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहे थे। कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहते थे परंतु 45 मिनट तक कलेक्टर बाहर नहीं आए और तनाव बढ़ने लगा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने की कोशिश की तो विवाद हो गया। पुलिस ने सभी पर जमकर लाठियां चलाई और आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार छोड़कर उन्हें हटाने का प्रयास किया।
सबकुछ खत्म हो जाने के बाद संयुक्त कार्यालय के सामने ही थाना देहात पुलिस ने दो ट्रैक्टर ट्रालियों में जा रहे किसानों को पकड़कर हवालात में डाल दिया, बताया गया है कि इन किसानों के पुलिस ने कपड़े उतरवाकर अर्धनग्न अवस्था में ला दिया। जब इसकी खबर पूर्वमंत्री यादवेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने थाना पहुंचकर किसानों को पुलिस से मुक्त कराया।
कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भड़के
किसानों की पिटाई पर कांग्रेस नेता कमलनाथ सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधत हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है 'किसान पुत्र की सरकार में मंदसौर कांड के जख्म अभी सूखे नहीं और अब टीकमगढ़ में किसानों पर बर्बरता, शिवराज के दमन में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ा'।
उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि सरकार लगातार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मैं इस कृत्य की कड़ी निंदा कर दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की मांग करता हूं। टीकमगढ़ में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों को बिना कपड़ों के पुलिस लॉकअप में बंद करने की शर्मनाक घटना की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।