
गौरतलब है कि मंगलवार को टीकमगढ़ जिले को सूखाग्रस्त घोषित कराने सहित अन्य मांगों को लेकर कांग्रेस के आंदोलन में शामिल हुए सैकड़ों किसानों पर पुलिस ने लाठिया बरसाई थी। इसके बाद अपने गांव वापस लौट रहे कुछ किसानों को पुलिस ने रोक लिया। उनके ट्रेक्टर ट्रॉली जब्त कर लिए और कपड़े उतरवाकर पीटा। जब इसकी जानकारी पूर्वमंत्री यादवेन्द्र सिंह को लगी तो उन्होंने थाने जाकर किसानों को मुक्त कराया। इससे नाराज टीकमगढ़ के व्यापारियों ने बुधवार को मार्केट बंद रखा। वहीं, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भोपाल में कपड़े उतार कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
टीकमगढ़ में किसानों के साथ हुई बर्बरता का मामला तूल पकड़ने पर प्रदेश के गृहमंत्री सिंह ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक शुक्ला से पूरे प्रकरण की जानकारी ली। इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सिंह ने कहा, थाने में पिटाई की बात तो सामने नहीं आई है, लेकिन कपड़े उतरवाने का मामला सामने आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि जांच कराकर तीन दिन में रपट दें। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर की जिद के कारण बिगड़े हालात
प्रदर्शनकारी कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग कर रहे थे, लेकिन वे अपने दफ्तर से नीचे नहीं उतरे। जबकि गेट पर केवल 8-10 कांग्रेसी नेता ही ज्ञापन देने गए थे। इस बीच एडीएम आदित्य सिंह, एएसपी राकेश खाखा कांग्रेसी नेताओं से कलेक्टर चैंबर में चलकर ज्ञापन देने की बात करते रहे। कांग्रेसी इस बात के लिए राजी नहीं हुए, वे गेट पर ही धरना देकर बैठ गए। करीब 45 मिनट तक कांग्रेसी गेट पर उनके इंतजार में बैठे रहे। इसी दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने किसानों को तितर बितर करने की कोशिश की, इस दौरान विवाद बढ़ा और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।