रीवा। जिले के समस्त पर्यटन स्थलों, राज्य संरक्षित स्मारक स्थलों में पर्यटकों के लिये मूलभूत सुविधाएं टॉयलेट, पेयजल तक नहीं है। पर्यटकों की सेफ्टी, सिक्योरिटी भगवान भरोसे रहती है। पर्यटन स्थलों के पहुँच मार्गों की हालत पिछले वर्षों की अपेक्षा सर्वाधिक जर्जर, दयनीय है। पर्यटन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। कलेक्ट्रेट में रीवा दर्शन गैलरी लोकार्पण बाद से कई महीनों तक बन्द रही हैै। बावजूद इसके रीवा जिले को सर्वश्रेष्ठ जिला पर्यटन संवर्धन का पुरस्कार दे दिया।
विंध्य महोत्सवों से आमजनों को क्या लाभ हुआ। विंध्य महोत्सवों में बॉलीवुड कलाकारों के आने से व उनके माध्यम से कितने देशी विदेशी पर्यटक रीवा आये ? विंध्य महोत्सवों की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। मप्र सरकार व भारत सरकार के विशेष पर्यटन पर्व अभियान में कोई गतिविधि नहीं की गयी। कार्ययोजना बनने बावजूद जिले में क्योटी, पुरवा महोत्सवों का आयोजन नहीं किया गया। इस वर्ष गोविन्दगढ़ महोत्सव का भी आयोजन नही किया गया। व्यंकट भवन स्थित प्रदेश की एकमात्र जीवित ऐतिहासिक सुरंग का अस्तित्व भी खतरे में है। राज्य संरक्षित स्मारक स्थलों के अधिसूचित होने बावजूद उनमें कोई संरक्षण, संधारण सुरक्षा कार्य नहीं किये जा रहे हैं।
सर्वेश सोनी ने वीडियो जारी करते हुए उपरोक्त गंभीर सवाल उठाते हुए कहा : "सरकार को गुमराह कर अवॉर्ड बटोरते हैं रीवा के अफसर।" सर्वेश ने केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मप्र पर्यटन विकास निगम को ट्वीट एवं ईमेल करते हुए जांच की माँग करते हुए रीवा पर्यटन विकास परिषद से अवॉर्ड वापस लेने, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग करी है।