भोपाल। आरक्षण के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने संघ का नया नजरिया पेश किया है। उन्होंने कहा कि जिस लोगों को आरक्षण का फायदा मिल रहा है उन्हे तय करना चाहिए कि इसक लास्ट डेट क्या होगी। जोशी शनिवार को भोपाल में मीडिया से बात कर रहे थे। बिहार चुनाव के पहले मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण नीति की समीक्षा होनी चाहिए एवं जाति नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए।
बता दें कि आरक्षण देश भर में अब बड़ा मुद्दा बन चुका है। आरएसएस ने ही यह मुद्दा उठाया था परंतु भाजपा के सत्ता में आ जाने के बाद बात बदलती नजर आ रही है। शासकीय सेवाओं में प्रमोशन में आरक्षण और एक व्यक्ति को जीवन में कई बार आरक्षण के खिलाफ भी आवाज उठ रही है। अब देश में आरक्षण को तर्क सम्मत बनाने की मांग की जा रही है। जाति के आधार पर आरक्षण को पूरी तरह से नकार दिया गया है।
जस्टिस काटजू ने अपने एक लेख में लिखा है कि जाति व्यवस्था भारत के लिए अभिशाप है और यदि हमें प्रगति करनी है तो इसे ख़त्म किया जाना चाहिए। काटजू ने लिखा, मेरे विचार से जाति आधारित आरक्षण ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुंचाया है क्योंकि इससे जाति व्यवस्था ख़त्म होने के बजाए और मज़बूत हुई है।