
किसानों के बीच सक्रिय होगा संघ
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब शहरी और नगरीय इलाकों की बजाय ग्रामीण और कस्बाई इलाकों पर ज्यादा जोर देगा। संघ गांवों में शाखाएं लगाएगा और अपने अनुषांगिक संगठनों को सक्रिय करेगा। बैठक में तय किया गया है कि संघ की ज्यादा से ज्यादा शाखाओं में इजाफा ग्रामीण इलाकों में किया जाए। किसानों से उनकी समस्याओं पर चर्चा के जरिए उनके बीच घुल मिल जाएंगे और संघ का विस्तार करेंगे। संघ किसानों के प्रशिक्षण वर्ग भी आयोजित करेगा जहां उन्हे जैविक खेती के तरीके बताए जाएंगे, साथ में अपनी बात भी रखी जाएगी।
युवाओं के साथ बनेगी संघ की नई सेना
सूत्रों का कहना है कि तीन दिन की बैठक में किसानों के बाद सबसे ज्यादा जोर गांव के नौजवानों को संघ से जोड़ने पर दिया गया। ऐसा इसलिए, क्योंकि देश में 30-35 वर्ष के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। संघ के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने इसे स्वीकारा भी है कि ‘संघ अब ग्रामीण इलाकों पर विशेष ध्यान देगा, क्योंकि वहां सामाजिक बदलाव बड़ी चुनौती है। चाहे वह हिंदुत्व को लेकर हो या फिर सामाजिक संदर्भ के लिए, वहां के युवाओं को साथ लिया जाएगा।’ उन्होंने कहा, “देश की 60 फीसदी आबादी गांवों में बसती है और संघ की शाखाओं का प्रभाव भी गांवों में ज्यादा है। दो-तिहाई शाखाएं गांवों में लगती हैं, वहीं एक-तिहाई शहरों में लगती हैं। वहां के किसान और नौजवान संघ से जुडें, इसकी कोशिश तेज होगी।”