भोपाल। मध्यप्रदेश के शिक्षामंत्री विजय शाह चाहते हैं कि मप्र की शिक्षा व्यवस्था का पूरी तरह से निजीकरण कर दिया जाए। स्कूल भवन का निर्माण भी कंपनियां करें और सरकार उन्हीं कंपनियों ने टीचर्स को भी आउटसोर्स कर ले। मंत्री शाह ने उदाहरण दिया कि यह प्रयोग छत्तीसगढ़ में चल रहा है लेकिन सीएम शिवराज सिंह ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए इस प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया। सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आउटसोर्स नहीं चलेगा। शिक्षण का काम सम्मान का होता है। इस बारे में हम कोई बात नहीं करेंगे। माना जा रहा है कि सीएम ने विजय शाह को 2018 चुनाव तक चुप रहने के संकेत दिए हैं।
प्रदेश के विकास का रोडमैप बनाने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के चौदह समूहों की सोमवार को मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें उन्होंने अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री के सामने रखीं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह को इनका परीक्षण कर बताने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक बैठक शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री ने कह दिया कि यहां सिफारिशों पर कोई चर्चा नहीं होगी। करीब 15-15 मिनट में समूहों ने अपनी प्रस्तुतिकरण दिया।
इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने सुझाव रखा कि स्कूल बनाने वाली कंपनियों द्वारा शिक्षा देने का काम भी किया जा रहा है। हम भी ऐसी संस्थाओं की सेवाओं को आउटसोर्स कर सकते हैें। छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक सम्मानजनक तरीके से पढ़ाता है। इस क्षेत्र में आउटसोर्स नहीं करेंगे।