नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी में दो फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो गई है। प्रति लीटर दो रुपये की बचत ग्राहकों को होगी। यह कमी ब्रैंडेड और नॉन ब्रैंडेड दोनों तरह के पेट्रोल और डीजल पर लागू होगी। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि जीएसटी के कारण राज्य सरकारें टैक्स घटाने को तैयार नहीं थीं। इधर पेट्रोल के बढ़ते दामों के कारण लोग मोदी सरकार को टारगेट पर ले रहे थे।
हाल ही में पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर केन्द्र सरकार निशाने पर रही है। कहा जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने के बावजूद सरकार इसका फायदा आम लोगों को नहीं दे रही है। जबकि, आज की तारीख में साल 2014 की तुलना में तेल की कीमतें लगभग आधी हैं। दरअसल, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स है।
सरकार का कहना है कि देश में विकास का कार्य होना है, तो उसे अपनी आमदनी बढ़ानी होगी। लिहाजा, एक सीमा तक ही टैक्स में छूट दी जा सकती है, अन्यथा विकास पर बुरा असर पड़ेगा। बता दें कि आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 2002 की महंगाई के बराबर हो गई थी जबकि कच्चे तेल की कीमतें तब की तुलना में आधी से भी कम हैं।