मोदी चाहते हैं अब सीएम भी पेट्रोल, डीजल से TAX घटाएं

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल, डीजल पर लगने वाला केंद्र सरकार के टैक्स में 2 रुपए प्रतिलीटर की कटौती कर दी है अब वो चाहते हैं कि राज्य सरकारें भी कम से कम 5 प्रतिशत की टैक्स कटौती करें ताकि आम जनता को राहत मिल सके। देखना यह है कि मोदी की एक अपील पर पलक झपकते ही लालबत्तियां उतार देने वाले भाजपा के मुख्यमंत्री मोदी की इस अपील पर क्या कुछ करते हैं। सूत्रों की मानें तो पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वित्त मंत्री अरुण जेटली की अपील के बाद बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री अपने अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करके जनता को बड़ी राहत दे सकती हैं। केन्द्र की इसी अपील के चलते सबसे पहले गुजरात ने इस ओर सकारात्मक कदम उठाया है। गुजरात की रुपानी सरकार ने संकेत दिया है कि जल्द ही गुजरात में VAT कम हो सकता है। 

वैट की दरें घटने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दामों में भी कमी आ जाएगी जिससे आम जनता को थोड़ी सहूलियत होगी। उम्मीद है कि गुजरात की ही तरह अन्य सभी बीजेपी शासित राज्य भी अपने प्रदेशों में VAT की दर कम कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि वित्त मंत्री अरूण जेटली जल्दी ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पेट्रोल, डीजल पर वैट में कटौती का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा, "हमने सक्रियता के साथ उत्पाद शुल्क में कटौती की है। अब वैट घटाने की बारी राज्यों की है" राज्य मूल्य वर्द्धन शुल्क के रूप में वैट लगाते हैं। इससे जब भी कीमतें बढ़ती हैं, वैट भी बढ़ जाता है। 

प्रधान ने कहा कि केंद्र के उत्पाद शुल्क में कटौती से 26,000 करोड़ रुपये के राजस्व पर असर पड़ेगा। इस दौरान प्रधान ने ईंधन के दाम में दैनिक समीक्षा का बचाव करते हुए कहा कि इससे ग्राहकों को सीधे लाभ मिलने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा, "राज्य सर्वाधिक लाभ में हैं। वे वैट तो लेते ही हैं, साथ ही केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में 42 प्रतिशत लेते हैं। केंद्र के बाद जो राशि बचती है, उसका उपयोग राज्यों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के वित्त पोषण के लिए किया जाता है।

गौरतलब है कि केंद्र ने मंगलवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 21.48 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 19.48 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 17.33 रुपये से घटाकर 15.33 रुपये कर दिया था। जिसके बाद पेट्रोल की कीमत में लगभग 2 रुपये 50 पैसे और डीजल की कीमत में 2 रुपये 25 पैसे की कमी आई थी।

अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की हर रोज बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष लगातार हमले कर रही है। पहले सरकार ने ये कह कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि देश विकास के सबसे बड़ा रेवेन्यू पेट्रोल और डीजल से आता है।

महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा टैक्स
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश दोनों ही भाजपा शासित राज्य हैं। यहां देश में सबसे ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है। महाराष्ट्र में पेट्रोल के दाम देश में सबसे ज्यादा हैं जबकि मध्यप्रदेश में दूसरे नंबर पर हैं। हालात यह हैं कि इन राज्यों में अपने सीमावर्ती राज्यों की तुलना में करीब 5 रुपए प्रतिलीटर ईंधन महंगा है। मध्यप्रदेश में तो सरकार ने वैट के अलावा एक और टैक्स थोप रखा है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!