नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवा रंग चारों ओर दिखाई देने लगा है। राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के बाद अब सरकारी दफ्तरों में भी भगवा रंग नजर आ रहा है। हालात यह है कि आॅफिस में पर्दे और टेबल क्लाथ, रेस्ट हाउस के सोफे, चादर और तौलिए तक भगवा हो गए हैं। इसी क्रम में अब सीएम के सचिवालय को भगवा रंग से पुतवाया जा रहा है। मीडिया में कुछ फोटो लीक हुईं हैं जो बताती हैं कि लाल बहादुर शास्त्री भवन भगवा रंग पुत रहा है। इसी भवन से राज्य की सत्ता चलती है। यहीं से राज्य के सभी महत्वपूर्ण विभागों के सचिव, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री अपना कामकाज संभालते हैं।
अखिलेश ने बनवाया था लोकभवन
कहने को तो पिछली सरकार ने शास्त्री भवन की जगह सत्ता चलाने के लिए लोकभवन बनवाया था लेकिन सत्ता बदलने के साथ ही लोकभवन की चमक भी खोती जा रही है। अखिलेश ने 3 अक्टूबर को 2016 को लोकभवन का उद्घाटन किया था तो लगा था कि अब राज्य की सत्ता का केन्द्र लोकभवन होगा लेकिन योगी सरकार में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। शास्त्री भवन की रंगाई पुताई का काम तेजी से चल रहा है, आने वाले कुछ दिनों में यह पूरी तरह भगवा रंग में नजर आएगा। तैयारियों से यह कयास भी लग रहे हैं कि फिलहाल लोकभवन में कैबिनेट मीटिंग और प्रेस ब्रीफिंग जैसे काम ही होते रहेंगे।
पुराना है शास्त्री भवन का इतिहास
23 अगस्त 1979 को लाल बहादुर शास्त्री भवन का उद्घाटन राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास ने किया था। इस भवन के पांचवें तल से मुख्यमंत्री अपना कार्यालय चलाते थे। अभी तक मोहम्मद अहमद शाहिद खान क्षत्री, गोविन्द वल्लभ पंत, सम्पूर्णानंद, चंद्रभानु गुप्ता, चौधरी चरण सिंह, त्रिभुवन नारायण सिंह, हेमवती नंदन बहुगुणा, एनडी तिवारी, राम नरेश यादव, बनारसी दास, वी.पी. सिंह, श्रीपति सिंह, वीर बहादुर सिंह, मुलायम सिंह, मायावती, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव ने अपनी सरकार का कामकाज एनेक्सी से चलाया है। अब योगी शास्त्री भवन के पंचम तल से राज्य की सत्ता चला रहे हैं।
भगवा तौलिए, सोफा कवर और पर्दे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भगवा रंग के कपड़े ही पहनते हैं। जिसके चलते उनके दौरौं का प्रबंध देख रहे अधिकारीगण भगवा रंग की तौलियों और सोफों की व्यवस्था करते नजर आते रहे हैं। मामला सुर्खियों में आने के बाद सीएम ने खुद अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उनके दौरे के दौरान कहीं भी इस तरह की व्यवस्था ना की जाए।
सत्ता के साथ बदलती रही है राजधानी की रंगत
उत्तर प्रदेश में पार्टियों की राजनीति ही नहीं रंगों की राजनीति भी होती रही है। सरकारों के बदलने के साथ-साथ राजधानी का रंग भी बदलता नजर आता है। बीएसपी शासन में साइन बोर्ड, सजावट की लाइटों से लेकर फुटपाथ पर लगी ग्रिल नीली हुई तो सपा सरकार के दौरान लाल और हरी।
पार्टी आधार पर बसों का रंग
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन की बसों पर भी सत्ता बदलने के साथ बदलते रंग नजर आए। बीएसपी शासन में नीली रंग की सर्वजन हिताय बस सेवा आई तो अखिलेश राज में लाल और हरे रंग की पट्टी वाली लोहिया ग्रामीण बस सेवा शुरू की गई। अब योगी सरकार में भगवा रंग की बसों की शुरुआत हुई है।