जोहानेसबर्ग। साउथ अफ्रीका में भारतीय मूल के एक प्रोफेशनल किक बॉक्सर को मां की हत्या के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ पत्नी की हत्या का भी केस चल रहा है। उसने पुलिस को बताया था कि घर में घुसे कुछ बदमाशों ने मां पर हमला किया था, लेकिन पुलिस जांच में उसकी कहानी झूठी निकली। इसके बाद घटना के वक्त घर में मौजूद नौकर को सरकारी गवाह बनाकर पुलिस ने किक-बॉक्सर पर शिकंजा कसा।
जोहानेसबर्ग पुलिस के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि मर्डर केस की जांच के बाद किक-बॉक्सर रमीज पटेल (30) को रविवार को गिरफ्तार किया गया। उसे सोमवार को लोकल कोर्ट में पेश किया जाएगा। रमीज की मां मेहजीन बानू पटेल को संदिग्ध हालात में गोली लगने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। बॉडी पर कई गहरे जख्म भी थे। इलाज के दौरान 15 दिन पहले महिला की मौत हो गई। वह रमीज और तीन पोते-पोतियों के साथ जोहानेसबर्ग की इंडियन टॉउनशिप के हाई सिक्युरिटी वाले घर में रहती थी।
कैसे रमीज तक पहुंची पुलिस?
पुलिस के मुताबिक, मां की मौत के बाद रमीज ने कहा था कि घर में घुसे कुछ बदमाशों ने उसकी मां पर हमला किया। शुरुआती जांच में मेहजबीन के मर्डर का मकसद साफ नहीं था और उनके घर से कोई सामान भी गायब नहीं मिला। ऐसे में रमीज की बताई कहानी पर सवाल उठ रहे थे। बाद में घटना की रात घर में मौजूद नौकर सरकारी गवाह बन गया। बता दें कि अप्रैल, 2015 में पत्नी फातिमा के मर्डर के बाद भी रमीज ने कहा था कि कुछ बदमाश लूट के इरादे से घर में घुस आए और पत्नी पर हमला कर दिया। उस वक्त भी पुलिस को बदमाशों से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला था। फिलहाल, रमीज के खिलाफ फातिमा के मर्डर का केस चल रहा है।
मौत के दो और मामलों में भी जुड़ा था नाम
जांच अफसर डेविड नकुन ने बताया कि रमीज पर पहले भी दो मर्डर के मामलों में शामिल होने का आरोप है। एक मामले में उसके घर के नजदीक टीनएजर की बॉडी मिली थी। जबकि दूसरा मामला इथियोपियन शरणार्थी की मौत से जुड़ा है। टीनएजर की मौत के मामले में पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। तब रमीज इस केस में छूट गया था, बाद में इसे भीड़ के द्वारा हत्या का मामला मान लिया गया।