
मध्यप्रदेश में बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए अब कवायद तेज हो गई है। बुधवार को मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल ने विभागीय अधिकारियों से अभियान के तहत अभी तक भरे और खाली पदों की हकीकत जानने के लिए ब्योरा लिया और निर्देश दिए कि समयसीमा में भर्ती की जाए। सूत्रों के मुताबिक आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था ने मध्यप्रदेश की अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक पिछड़ेपन, शासकीय सेवाओं में प्रतिनिधित्व को लेकर गोपनीय प्रतिवेदन सौंपा है। इसमें बताया गया है कि करीब एक लाख आरक्षित वर्ग के पद खाली हैं।
सरकारी विभागोें में खाली पदों की वजह से प्रभावित हो रहे काम को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष भर्ती अभियान को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को हुई सामान्य प्रशासन प्रशासन विभाग की आंतरिक समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री लालसिंह आर्य ने भी अधिकारियों को समीक्षा के लिए कहा था।
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही विशेष भर्ती अभियान को गति दे दी जाएगी। जो पद राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने हैं, उनके लिए वित्त विभाग की सहमति लेकर प्रस्ताव भेजे जाएंगे। वे पद जो प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड या अन्य किसी एजेंसी के माध्यम से भरे जाने हैं, उनके बारे में भी नीतिगत फैसला किया जाएगा।
फैक्ट फाइल
मध्यप्रदेश में कुल पद- 8 लाख 18 हजार 183
अनुसूचित जाति-जनजाति के पद- 3 लाख 75 हजार 551
अनुसूचित जाति के रिक्त पद- 27 हजार 870
अनुसूचित जनजाति के रिक्त पद- 75 हजार 608
कुल रिक्त पद 1 लाख 3 हजार 478
नोट- आंकड़े आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था की रिपोर्ट के आधार पर।