भोपाल। संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, समान कार्य समान वेतन, जिन संविदा कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया है उनकी सेवाएं वापस लिए जाने के लिए प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी मप्र स्थापना दिवस 1 नवम्बर से चरणबद्व आंदोलन चला रहे हैं। जिसके तीसरे चरण में 10 नवम्बर 2016 से 20 नवम्बर तक संविदा कर्मचारियों का रोशनपुरा चौराहे से मुख्यमंत्री निवास तक जाकर मुख्यमंत्री को रोजाना गांधीवादी तरीके से एक गुलाब का फूल और ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय था, अब स्थगित कर दिया गया है।
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि 10 तारीख को देश के महामहिम राष्ट्रपति जी भोपाल आ रहे हैं और वे 10 नवम्बर को रोशनपुरा चौराहे पर स्थित वीरांगना झलकारी देवी जी की प्रतिमा का अनावरण करेंगें। उसी दिन संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के आंदोलन के तीसरे चरण में 10 नवम्बर से संविदा कर्मचारियों पदयात्रा रोशनपुरा से प्रारंभ होनी है, इसलिए महामहिम राष्ट्रपति महोदय के सामने म.प्र. सरकार की छवि धूमिल ना हो इसके कारण म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने अपनी पदयात्रा की तिथि आगे बढ़ाकर 10 नवम्बर की जगह 20 नवम्बर कर दी है।
गौरतलब है कि म.प्र. के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी सरकार द्वारा 200 दिन पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों, गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षाकर्मियों जिनकी नियुक्ति सरपंचों ने बिना किसी योग्यता पैमाने की थी ऐसे कर्मचारियों को नियमित करने लेकिन विधिवत् नियमाअनुसार नियुक्त हुए संविदा कर्मचारी अधिकारी जो कि 15-20 सालों से संविदा पर नियमित कर्मचारियों से ज्यादा काम कर रहे हैं को नियमित नहीं किए जाने से नाराज हैं और चरणबद्व आंदोलन 1 नवम्बर काली पट्टी बांधकर कर रहे हैं।