नई दिल्ली। जर्मनी में एक नर्स द्वारा जहरीला इंजेक्शन देकर 100 से अधिक मरीजों को मार डालने के मामले की जांच पूरी हो गई है। अदालत में सुनवाई के दौरान मेल (पुरुष) नर्स नील्स होजल ने माना कि उसने जान बूझकर 90 मरीजों को हार्ट अटैक की स्थिति तक पहुंचाया। उसे ऐसा करने में मजा आता था। नील्स ने बाद में बताया कि उसने डेलमेनहार्स्ट के अलावा ओल्डेनबर्ग के एक अस्पताल में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया। इस शख्स ने ओल्डेनबर्ग में 1999 से 2002 तथा डेलमेनहार्स्ट के अस्पताल में 2003 से 2005 तक काम किया था। नील्स होजेल अभी दो हत्याओं के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
पुलिस ने जांच के लिए कब्रिस्तानों से 134 शव निकाले। पुलिस का मानना है कि अगर दोनों अस्पताल के कर्मचारियों ने नील्स की गतिविधियों की पूर्व में ही सूचना दे दी होती तो शायद इतने लोगों की जान नहीं गई होती। अब तक ऐसे 16 मामले मिले हैं जिनमें नर्स की भूमिका को संदिग्ध पाया गया है। ज्ञात हो कि पुलिस ने अगस्त में कहा था कि नर्स ने कम से कम 84 और रोगियों की हत्या की है। पुलिस को 41 शवों की टॉक्सीकोलॉजी रिपोर्ट (शरीर में जहर का पता लगाने वाली जांच) का इंतजार है। अभियोजक नील्स के खिलाफ 2018 की शुरुआत में पूरक आरोपपत्र दायर करेंगे।
नर्स को सबसे पहले 2015 में दो मरीजों की हत्या और दो की हत्या के प्रयास में दोषी करार दिया गया था। नील्स मरीजों को जानबूझ कर ड्रग्स की अधिक मात्रा देता था। इससे या तो मरीजों को हार्ट अटैक आ जाता था या उनके शरीर के दूसरे अंग काम करना बंद कर देते थे।