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पुलिस ने जांच के लिए कब्रिस्तानों से 134 शव निकाले। पुलिस का मानना है कि अगर दोनों अस्पताल के कर्मचारियों ने नील्स की गतिविधियों की पूर्व में ही सूचना दे दी होती तो शायद इतने लोगों की जान नहीं गई होती। अब तक ऐसे 16 मामले मिले हैं जिनमें नर्स की भूमिका को संदिग्ध पाया गया है। ज्ञात हो कि पुलिस ने अगस्त में कहा था कि नर्स ने कम से कम 84 और रोगियों की हत्या की है। पुलिस को 41 शवों की टॉक्सीकोलॉजी रिपोर्ट (शरीर में जहर का पता लगाने वाली जांच) का इंतजार है। अभियोजक नील्स के खिलाफ 2018 की शुरुआत में पूरक आरोपपत्र दायर करेंगे।
नर्स को सबसे पहले 2015 में दो मरीजों की हत्या और दो की हत्या के प्रयास में दोषी करार दिया गया था। नील्स मरीजों को जानबूझ कर ड्रग्स की अधिक मात्रा देता था। इससे या तो मरीजों को हार्ट अटैक आ जाता था या उनके शरीर के दूसरे अंग काम करना बंद कर देते थे।