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समीक्षा के दौरान एलजी को बताया गया कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एंबुलेंस की तैनाती के पहले बाइक एंबुलेंस की जरूरत है। इसे ट्रेंड स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चलाया जाएगा। वे अपने साथ प्राइमरी इलाज की किट और अन्य जरूरी सामान रखेंगे। चर्चा की गई कि इस वाहन के उपायोग से पीक आवर में जहां चार पहिया एंबुलेंस तुरंत नहीं पहुंच सकती वहां मदद दी जाएगी।
इससे 25 से 30 प्रतिशत मामलों में मरीज को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके रखरखाव पर कम खर्च आता है। बाइक एंबुलेंस चलने से रेस्पॉन्स टाइम में सुधार आएगा। दुर्घटना वाली जगहों पर शुरुआती इलाज मिलेगा। मरीज के बचने की संभावना में बढ़ेगी।