नई दिल्ली। नोटबंजी और जीएसटी के कारण पूरा देश प्रभावित हुआ। नोटबंदी के दौरान कुछ दिनों तक बाजार पूरी तरह बंद ही रहे। स्थिति यह है कि इन दोनों के कारण देश की अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई है लेकिन देश के अमीर कारोबारियों की संपत्तियों में लगातार इजाफा होता रहा। नोटबंदी या जीएसटी ने उनकी ग्रोथ को कतई प्रभावित नहीं किया। देश में अमीरों की संपत्ति में 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी मुफ्त में जियो सिम बांटने के बावजूद 38 अरब संपत्ति के मालिक हो गए। फोर्ब्स द्वारा जारी अमीरों की लिस्ट में अंबानी अब भी टॉप पर बने हुए हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी फोर्ब्स की भारत की 100 सबसे अमीर लोगों की वार्षिक सूची में 38 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ शीर्ष स्थान पर है। यह विश्व बैंक डेटा 2016 के अनुमान के अनुसार पूर्व सोवियत गणराज्य अजरबैजान की जीडीपी के बराबर है। वहीं, 19 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ विप्रो के अजीम प्रेमजी की (पिछले साल की सूची से दो पायदान की छलांग लगाते हुए) भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उनकी संपत्ति अफगानिस्तान की जीडीपी (4.8 अरब डॉलर) के बराबर है। सूची में 18.4 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ अशोका लीलैंड के हिंदुजा ब्रदर्स तीसरे स्थान पर हैं।
देश के 100 शीर्ष अमीरों की संपत्ति बढ़कर 479 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार (सितंबर में) 402.5 अरब डॉलर से अधिक है। इन 100 अमीरों की कुल संपत्ति में पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इस सूची में सबसे नीचे पायदान पर 1.46 अरब की संपत्ति रही, जबकि पिछले साल यह 17 फीसदी कम 1.25 अरब डॉलर थी। 1.46 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ येस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर सूची में 100वें स्थान पर हैं। इस सूची में सबसे नया नाम वाडिया समूह के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया (25 वें नंबर पर, 5.6 अरब डॉलर की संपत्ति) का है।