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अफसर पहुंचे मनाने
ग्रामीणों को वोटिंग के लिए बुलाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी ने तुरंत एक टीम दोनों गांवों में भेजी और ग्रामीणों को वोटिंग करने की समझाइश दी, लेकिन दोनों ही गांवों के लोगों ने मतदान नहीं किया। और रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करते हुए चुनाव का बहिष्कार कर दिया।
वादे करके नहीं आते जनप्रतिनिधि
दोनों ही गांवों के लोगों का आरोप है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधी तरह-तरह का वादे करते हैं लेकिन वोट मिलने के बाद वो दोबारा गांव में झांकते तक नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों ही गांवों में मूलभूत सुविधाएं, जैसे बिजली और सड़क तक नहीं हैं।
कच्ची सड़क में फंसी कार
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में किसी के बीमार हो जाने पर उसे अस्पताल ले जाने में इतनी परेशानी होती है साथ ही कई बार मरीज की अस्पताल ले जाने से पहले ही मौत हो जाती है। ग्रामीणों ने कहा कि इस बार वो उपचुनाव में वोटिंग नहीं करेंगे और गांव की स्थिति को सबके सामने लाएंगे। वहीं उपचुनाव में बीजेपी का कहना है कि बीजेपी विधायक बनने पर वो 10 महीने में चित्रकूट में विकास की गंगा बहा देंगे। वहीं कांग्रेस अपने वादे लेकर चुनावी में मैदान में उतरी है।