नई दिल्ली। भारत में अभी भी कई लोग 2G सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, बहुत सारे लोगों के पास 3G फोन हैं जिसमें 4G की सिम चलती ही नहीं और इधर एयरटेल ने फैसला ले लिया है कि वो अपनी 3G सेवाएं बंद करने जा रही है। जबर्दस्त डाउन का शिकार हुई एयरटेल अब कई बड़े फैसले ले रही है। रिलायंस जियो से लड़ने के लिए एयरटेल ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दीं हैं। इसी योजना के तहत कंपनी अपनी 3G सर्विस को बंद करने जा रही है। सर्विस बंद करने के पीछे कंपनी का तर्क है कि 3G टेक्नोलॉजी अब उनके लिए बेहतर नहीं है।
एयरटेल इंडिया और साउथ एशिया के एमडी और सीईओ गोपाल विट्टल का कहना है कि उन्होंने 3G सर्विस पर इन्वेस्टमेंट बंद कर दिया है। ऐसे में 3G से खाली हुए स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4G सर्विस के लिए किया जाएगा, जो डाटा ट्रांसफर के लिए अच्छी टेक्नोलॉजी है। आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर में कंपनी के डाटा कस्टमर्स 4 गुना तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान मोबाइल ब्राडबैंड कस्टमर्स की संख्या 33.6 फीसदी बढ़कर 5.52 करोड़ हो गई है।
3G सर्विस बंद करने की तैयारी
एयरटेल के तिमाही नतीजों के बाद बोलेते हुए गोपाल विट्टल ने कहा कि अगले 3 से 4 साल में 3G नेटवर्क बंद हो सकता है। भारत में बिकने वाले करीब 50 फीसदी मोबाइल फोन फीचर्स फोन हैं। कंपनी 3G सेवाओं में काम आने वाले 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्तेमाल 4G सेवाओं के लिए करेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी का कई जगहों पर 3G का एडवांस्ड नेटवर्क जो 4G को सपोर्ट करता है। ऐसी जगह पर कंपनी उसी तकनीक से 4G सेवाएं देगी, लेकिन ऐसा संभव नहीं है वहां कपंनी उपकरणों को बदलेगी। हालांकि इसमें कुछ समय लगेगा।
कंपनी का जोर 4G पर
कंपनी अब 4G तकनीक में निवेश पर जोर दे रही है।
इस तकनीक में डाटा की कैपेसिटी ज्यादा होती है।
कंपनी 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्तेमाल 4G के लिए करेगी जो अभी तक 3G के लिए किया जा रहा है।
कंपनी अपने ज्यादातर स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4G के लिए करेगी।