भोपाल। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा है कि सातवां वेतनमान देने का फैसला लेने के लिए स्थानीय निकाय और विभाग स्वतंत्र हैं। यह फैसला संबंधित निकाय और विभाग को लेना है। मलैया ने यह जानकारी मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक ऊषा चौधरी के लिखित सवाल के जवाब में दी। बता दें कि निकाय एवं पंचायतों के कर्मचारियों को अभी भी 7वां वेतनमान का लाभ नहीं मिला है।
ऊषा चौधरी ने मप्र सरकार के अधीन काम करने वाले नगरीय निकायों, जिला व जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान नहीं मिलने को लेकर सवाल किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि मप्र सरकार के अधीन संचालित नगरीय निकाय, स्वशासी या अर्द्ध स्वशासी संस्थाओं की सेवा शर्तें व भर्ती नियम अलग होते हैं।
इसलिए नगरीय निकाय, स्वशासी या अर्द्ध स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारी मप्र शासन के नियमित कर्मचारियों के समान नहीं है। विभाग और निकाय चाहें तो अपने स्तर पर फैसला ले सकते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि सातवें वेतनमान से सरकार के वेतन मद में लगभग 14 से 15 फीसदी वृद्धि होगी।