नई दिल्ली। फिल्म पद्मावती का विरोध कर गुजरात चुनाव में राजपूतों के वोट हासिल करने की कोशिश कर रही भाजपा के नेता एवं सेंसर बोर्ड के सदस्य अर्जुन गुप्ता ने संजय लीला भंसाली को राजद्रोही करारे देने की कोशिश की थी। सेंसर बोर्ड ने अर्जुन के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी संस्था फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली का सम्मान करती है। जोशी ने यह भी कहा कि गुप्ता का बयान उनके निजी विचार हैं, उससे बोर्ड का कोई सरोकार नहीं है। गुप्ता भाजपा की ओर से बोर्ड में नियुक्त किए गए राजनीतिक सदस्य हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सीबीएफसी के सदस्य अर्जुन गुप्ता ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को संबोधित कर एक पत्र में भंसाली को राजद्रोह के लिए दंडित करने का आग्रह किया था, जिसके बाद जोशी की यह टिप्पणी सामने आई है। सीबीएफसी ने हालांकि खुद इस पर टिप्पणी करने से दूरी बनाई है। जोशी ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संजय लीला भंसाली के खिलाफ सीबीएफसी के सलाहकार पैनल के सदस्य ने अपना व्यक्तिगत द्दष्टिकोण व्यक्त किया है। यह किसी भी तरह से एक संगठन या सीबीएफसी बोर्ड के रूप में सीबीएफसी के द्दष्टिकोण को नहीं दर्शाता है। हम व्यक्ति और कलाकार के रूप में भंसाली का सम्मान करते हैं।'
1 दिसंबर को रिलीज के लिए तैयार फिल्म 'पद्मावती' पर विभिन्न संगठनों ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने का आरोप लगाया है। वहीं, भंसाली ने इन आरोपों को खारिज किया है। भंसाली ने कई बार स्पष्टीकरण दिया है कि फिल्म में ऐसा कोई द्दश्य नहीं हैं, जो किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाता हो। उन्होंने कहा कि यह फिल्म देखकर राजपूत समुदाय गर्व महसूस करेगा। अफवाह फैलाकर राजपूतों को बेवजह भड़काया जा रहा है।