पटना। निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए देश में जारी सियासत के बीच बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार की आउटसोर्सिंग वाली नौकरियों को भी आरक्षण के दायरे में ला दिया गया है। बुधवार को राज्य कैबिनेट ने सामान्य प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। मतलब ऐसी नौकरियों में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा, नि:शक्त और महिलाओं के लिए बने आरक्षण प्रावधान को लागू करना पड़ेगा। आमतौर पर विभाग अपनी-अपनी जरूरत के हिसाब से कर्मियों को आउटसोर्स करते हैं।
इन पदों पर होती है नियुक्ति
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि ताजा फैसले के बाद सरकार को कर्मचारी मुहैया कराने वाली निजी कंपनियों को आरक्षण रोस्टर का पालन करना होगा। प्रधान सचिव ने कहा कि सरकारी विभागों और कार्यालय में ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, सुरक्षा कर्मी, सफाईकर्मी, आईटी मैनेजर, ऑफिस ब्वॉय, मीडिया एडवाइजर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सेवा आउटसोर्सिंग वाली निजी कंपनियों के जरिए ली जाती है।
ये होगा कोटा लागू करने का फाॅर्मूला
अगर किसी विभाग या कार्यालय में आउटसोर्सिंग के जरिए पांच ड्राइवर की सेवा ली जानी है तो निजी कंपनी को सामान्य वर्ग, एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग का एक-एक उम्मीदवार चयन करके उपलब्ध कराना होगा। अगर विभाग को दो ही ड्राइवर की जरूरत होगी तो कंपनी एक सामान्य और एक एससी कर्मी की सेवा देगी। अगर बाद में विभाग को दो अतिरिक्त ड्राइवर की जरूरत हुई को सामान्य और एससी की बजाए एसटी, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के ड्राइवर की सेवा उपलब्ध कराएगी।