
जिले के वारासिवनी नगर में स्थित भारतीय खादय निगम के गोदामों में जिसे वेयर हाउस कारपोरेशन द्वारा कस्टम मिलिंग से उपार्जित चावल भण्डारित करने के लिये किराये पर लिया गया है। निगम के दूसरे गोदाम जिसका क्रमांक 32/2 बताया गया है में 33 स्टेग जिसमें 1 लाख 6 हजार 920 बोरी जिसका वजन 53 हजार क्विंटल बताया गया है। गोदाम में भण्डारित चावल में पाखूर नामक कीट प्रकोप दिखाई दिया है। भण्डारित चावल में कीट प्रकोप की जानकारी मिलने पर वेयर के कर्मचारियों द्वारा गत 2 दिनों से औषधी उपचार किया गया इसके बावजूद बोरों में कीट प्रकोप अभी भी दिखाई दे रहा है।
यह भण्डारित चावल गत अप्रेल और मई माह में राईस मिलर्स से उपार्जित किया गया था चूकि खरीदे गये चावल में निर्धारित मापदण्ड से ज्यादा अनुपात में ब्रोकन दिखाई दे रही है। इस कारण ऐसे चावल को जानबूझकर रोका रखा गया है और उसकी डीलेवरी नही कि गई। ऐसी ही विसंगतियों के चलते जिले के कटंगी स्थित भारतीय खादय निगम के गोदाम में पिछले 3 वर्श पूर्व खरीदे गये 50 हजार क्विंटल अमानक स्तर के चावल में ऐसा ही कीट प्रकोप होने के कारण चांवल बरबादी के पगार पर पहुंचा दिया गया जिसे अब कोई भी लेने के लिये तैयार नही है।
इस संबंध में वारासिवनी स्थित नान के गुणवत्ता निरीक्षक श्री अनिल बैस को चावल में कीट प्रकोप होने की जानकारी दी गई तो उन्होने अवगत कराया की वे वेयर हाउस कारपोरेशन के अधिकारियों को नोटिस दे रहे है। उन्होने यह भी कहा की भण्डारित चावल को सुरक्षित करने के लिये यथा संभव प्रयास किये जायेगें। वारासिवनी स्थित वेयर के प्रबंधक श्री राजपूत ने कहा की चांवल में कीट प्रकोप दिखाई देने के बाद उसका औषधी उपचार विगत 2 दिनों से कराया गया है।