BHOPAL: धोखेबाजों के फर्जीवाड़े और जालसाजी से लोगों को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही एक जागरुकता अभियान शुरू करने वाली है. आरबीआई का कहना है कि अभियान के तहत सभी लोगों को एसएमएस भेजकर इन सबके बारे में जानकारी दी जायेगी. रिजर्व बैंक ने यह कदम मोबाइल कॉल, एसएमएस और ईमेल के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधड़ी करने और ठगने की घटनाओं के बढ़ने के बीच उठाया है.
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही एक जनजागरण अभियान शुरू करेगा. इसमें वह एसएमएस के माध्यम से लोगों को उपलब्ध बैंकिंग सेवाओं और विभिन्न बैंकिंग कानूनों के प्रति जागरुक करेगा. रिजर्व बैंक आरबीआई से पहचान के साथ यह संदेश भेजेगा. केंद्रीय बैंक पहली बार लोगों को जागरुक करने के लिए उसी माध्यम का उपयोग कर रहा है जिसका उपयोग धोखेबाज ठगने के लिए करते हैं.
RBI के बारे में
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई। रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया। केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहां गवर्नर बैठते हैं और जहां नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि प्रारंभ में यह निजी स्वमित्व वाला था, 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वमित्व है।
RBI के बारे में
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई। रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया। केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहां गवर्नर बैठते हैं और जहां नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि प्रारंभ में यह निजी स्वमित्व वाला था, 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वमित्व है।