भोपाल। प्रशासनिक टकराव के बीच बीजेपी सांसद अनूप मिश्रा 80 नेताओं के साथ राजधानी में डेरा डाल दिए हैं। मुरैना कलेक्टर भास्कर लक्षकार और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, सीएसपी सहित भाजपा के जिलाध्यक्ष अनूप सिंह भदौरिया को हटाने की मांग को लेकर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार और संगठन मंत्री सुहास भगत से मुलाकात करने की कोशिश की। संगठन मंत्री सुहास भगत ने फोन पर सांसद अनूप मिश्रा से व्यस्त होने के कारण न मिलने की बात कही और प्रशासन के खिलाफ लामबंद नेताओं को वापस जाने की सलाह दी।
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत से सांसद अनूप मिश्रा ने मुलाकात के लिए जब समय मांगा तो संगठन मंत्री ने कहा यह शिकायत हमारी समझ में आ गई है समय आने पर पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा। संगठन मंत्री की इस बात के बाद सांसद अनूप मिश्रा ने मुरैना से गए 80 भाजपा नेताओं को घर जाने के लिए बोल दिया है लेकिन भाजपा कार्यकर्ता अभी भी भोपाल में डेरा डाले हुये है और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार से मुलाकात करने की बात कह रहे है।
सांसद मिश्रा मुरैना की राजनीति में उपर के दखल से हो रही खुद की उपेक्षा से नाराज हैं। दरअसल, इसके पीछे की वजह ये है कि जिले में दो मंत्रियों का प्रभाव बढ़ गया है। एसपी-कलेक्टर प्रभारी मंत्री माया सिंह के निर्देशों का पालन तो पूरी तरह से करते ही हैं, साथ ही लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह को तवज्जो देते हैं। मिश्रा समर्थकों के बंदूक लाइसेंस से लेकर ज्यादातर मामलों में कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि उन्होंने अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोला है।
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दखल करता है परेशान
केंद्रीय पंचायतीराज और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मुरैना से सांसद रह चुके हैं। जाहिर है ऐसे हालात में प्रशासन को तोमर के साथ भी समन्वय बनाकर काम करना पड़ता है। पार्टी के जिलाध्यक्ष अनूप सिंह भदौरिया को भी तोमर समर्थक बताया जाता है। जिलाध्यक्ष के साथ मिश्रा समर्थकों की खटपट चल रही है। इसके पीछे की वजह जिला कार्यकारिणी में उनके समर्थकों को स्थान नहीं दिया जाना है।
कलेक्टर बोले हम साथ नहीं गए इसलिए नाराज हो गए सांसद
उधर मुरैना कलेक्टर भास्कर लक्षकार और एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने नवदुनिया ने इस बारे में बात की। उन्होंने कहा कि जिले के रामपुर में स्टॉप डेम और नहर की मांग को लेकर एक चतुर्वेदी जी हड़ताल कर रहे थे। जहां मैं और एसपी दोनों गए, मौके पर ही लोगों से बातचीत की। स्टॉप डेम का प्रस्ताव बनवाया और सरकार को भेज भी दिया।
बाद में सांसद मिश्रा ने जनसुनवाई के दिन कहा कि मैं भी रामपुर जाना चाहता हूं, आप लोग मेरे साथ चलो। हम लोगों ने कहा कि आप चलें, हम वहीं पहुंच जाएंगे। वे जिद पर अड़े थे कि मेरे साथ चलो। कार्यक्रम व्यक्तिगत होने के कारण हम दोनों ने ही असमर्थता जाहिर कर दी थी। इसी बात पर वे नाराज हो गए । यह घटना 28 अक्टूबर की है।