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अध्यापकों का ड्रामा सोशल मीडिया से उतरकर आज मध्यप्रदेश की राजधानी में दिखाई दिया। इधर जम्हूरी मैदान से कुछ अध्यापकों ने फाटो सहित अपडेट किया कि जावेद खान यहां पर नहीं हैं। अध्यापक उनका इंतजार कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद जावेद खान ने फेसबुक पर लिखा कि वो भोजपुर मंदिर के मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। बतौर प्रमाण उन्होंने भी फोटो शेयर किया। भोपालसमाचार.कॉम से बात करते हुए जावेद खान ने कहा कि जम्हूरी मैदान में अनुमति नहीं मिली थी एवं बिना अनुमति अनशन पर जुर्माना का प्रावधान है अत: इसे भोजपुर मंदिर में शुरू किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा समय तक अनशन पर रुका जा सके।
जावेद ने कहा था कि वो शाम को सबकुछ विस्तार से बताएंगे परंतु उनकी तरफ से कोई संपर्क नहीं किया गया। उनका सार्वजनिक मोबाइल नंबर भी बंद मिलता रहा। देर शाम सोशल मीडिया फिर अलग ही रंग में रंगी नजर आई। मुश्ताक खान की तरफ से अपडेट आया कि भोजपुर शिवमंदिर के मैदान में कोई भी नहीं है। मैदान पूरी तरह से खाली है। कुल मिलाकर अध्यापकों का आंदोलन अब मनोरंजन का केंद्र बन गया है और एक संदेश स्पष्ट हो गया है कि अब अनाज की तरह बिखर चुके अध्यापक नेता शायद ही कभी एकजुट हो पाएंगे।