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इस दौरान 20 मई 2016 को नवांशहर के राजा अस्पताल के डॉ. अजय धवन के पास शरीर में कमजोरी के इलाज के लिए गए, जिन्होंने हेल्थ पालिसी के तहत उसे दाखिल कर लिया और बीमा कंपनी को सारा स्टेटस ई-मेल के माध्यम से बताते हुए करीब 26 हजार रुपये खर्च आने की सूचना दी। अस्पताल की ई-मेल के तीन दिनों बाद बीमा कंपनी ने पूरी जांच पड़ताल के बाद 22 मई 2016 को इलाज करने की एप्रूवल दे दी, जिसके तहत डाक्टरों ने इलाज किया। 24 मई को इलाज पूरा होने के बाद अस्पताल की ओर से 17 हजार 880 रुपये का फाइनल बिल बीमा कंपनी को भेजा गया तो बीमा कंपनी ने इलाज को पॉलिसी के अंडर न आने की बात कहते हुए भुगतान करने से इंकार कर दिया, जिसका भुगतान दोस्तों व रिश्तेदारों से उधार लेकर करना पड़ा।
इसके बाद उन्होंने वकील के जरिए 30 सितंबर 2016 को कंज्यूमर कोर्ट में बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत की, जिस पर कोर्ट के सदस्यों ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद चौला मंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को अस्पताल के बिल के भुगतान पर नौ फीसद ब्याज के साथ उपभोक्ता को वापस देने तथा सात हजार रुपये जुर्माने के रूप में देने को कहा है। कोर्ट की ओर से यह सारी राशि तीस दिनों के अंदर देने को कहा गया है।