नई दिल्ली। अपनी तेज तर्रार कार्यशैली के कारण दनादन तबादले झेल रहे आईएएस अशोक खेमका का 51वां तबादला हो गया है। इस बार उन्होंने सीएम खट्टर के प्राइवेट स्टाफ और अपने ही विभाग के मंत्री से पंगा ले लिया था। दीपावली के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निजी स्टाफ को सरकारी गिफ्ट दिए जा रहे थे। खेमका ने इस पर तीखी आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके अलावा सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग मामले में वो अपने विभाग के मंत्री से भी उलझ गए थे।
खेमका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग से हटाकर खेल और युवा मामले विभाग का प्रिंसिपल सेकेट्ररी बनाया गया है। खेमका अक्सर अपने तबादलों पर कभी नाराज नहीं होते लेकिन अब लगता है कि अशोक खेमका भी लगातार हो रहे तबादलों से परेशान हो गए हैं।ट्रांसफर की खबर मिलने के बाद खेमका ने कहा कि अब तो उनको लगता है कि जैसे भेजा फ्राई हो गया है। उन्होंने ट्वीट भी किया, ''उनका यह ट्रांसफर एक क्रैश लैंडिंग के समान है क्योंकि उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में काफी कुछ प्लानिंग कर रखी थी कि अचानक तबादले की खबर आ गई।
गौरतलब है कि अशोक खेमका द्वारा उजागर गड़बड़ियों और अनियमितताओं के चलते हरियाणा की भाजपा सरकार के तीन मंत्रियों से उनका टकराव हो चुका है। हाल ही सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग के मामले में उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को खूब खरी खोटी सुनाई थी। खेमका ने इसी विभाग के प्रधान सचिव के नाते उन 3.22 लाख लोगों की पेंशन बंद कर दी थी जिनके दस्तावेज मौजूद नहीं थे। इनमें से एक लाख लोगों की पेंशन आज भी बंद है।
सीएम ऑफिस से भी हुआ था पंगा
अशोक खेमका ने दिवाली के मौके पर सीधे-सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से भी पंगा ले लिया था। उन्होंने खट्टर के निजी स्टाफ को दिए जा रहे हजारों रुपए के नगद तोहफे का विरोध करते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया था। इससे पहले खेमका शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा और लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह को भी आड़े हाथ ले चुके हैं। अबकी बार अशोक खेमका का तबादला उनके काफी करीबी मंत्री अनिल विज के खेल विभाग में कर दिया गया है। इससे पहले अनिल विज कई मुद्दों पर अशोक खेमका के साथ खड़े दिखाई दिए हैं।