शैलेन्द्र गुप्ता/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तीसरी पारी तनावों से भरी हुई है। एक समस्या खत्म नहीं होती इससे पहले दूसरी शुरू हो जाती है। व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने शिवराज सिंह को बेदाग करार दिया ही था कि मालवा बेल्ट में पाटीदारों ने शक्ति प्रदर्शन कर डाला। उन्होंने उस स्थान पर सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित की है जहां किसान आंदोलन में गोली कांड के दौरान पाटीदार किसानों की मौत हुई थी। दावा किया गया है कि मप्र में पाटीदारों के 40 लाख वोट हैं और 65 विधानसभा सीटों पर वो नतीजे पलटने की ताकत रखते हैं। अब सीएम शिवराज सिंह के माथे पर नई सिलवटें आ गईं हैं। यदि गुजरात में कांग्रेस और पाटीदार का गठबंधन हो गया तो नर्मदा यात्रा करके 100 सीटों पर वोट जमाकर आए शिवराज सिंह को 65 सीटों का नुक्सान हो सकता है।
मध्यप्रदेश का मालवा बेल्ट पाटीदारों का गढ़ है। पूरे प्रदेश में सर्वाधिक पाटीदार मालवा में ही रहते हैं। पाटीदार समाज के सूत्रों की माने तो मालवा में करीब चालीस लाख पाटीदार बसते हैं और प्रदेश में करीब सत्तर लाख पाटीदार समाज के लोग है और पूरे प्रदेश की 220 विधानसभा सीटों में 65 सीटे ऐसी है जिस पर पाटीदार समाज के वोट नतीजे बदल सकते हैं।
एक ख़ास बात और यह की मंदसौर में हुए गोलीकांड में 6 पाटीदारों की मौत और उसके बाद पुलिस ने इस आंदोलन को लेकर 101 आपराधिक मुकदमे बनाए। जिसमें 200 लोग नामजद किए गए और करीब 100 अन्य थे इस प्रकार कुल 300 लोगो के खिलाफ मामले बने जिसमे पाटीदार समाज के लोगों सत्तर प्रतिशत थी। इसी बड़ी संख्या में पाटीदारो पर मुकदमे बनने के बाद पाटीदारो में जोश आया उसके बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पहली बार मालवा में आए और उन्होंने मंदसौर के पिपलिया और शाजापुर में दो बड़ी रैलीया की जिसमे उन्होंने साफ़ तोर पर पाटीदारो को जाग जाने का आह्वान किया।
सरदार पटेल की जयंती पर नीमच में करीब एक हज़ार टू व्हीलर और फॉर व्हीलर के साथ सैकड़ों पाटीदारों ने रैली की। ये पाटीदार नीमच के 90 गाँवों से आये थे। ठीक इसी तरह का शक्ति प्रदर्शन मंदसौर में हुआ। वहां सरदार पटेल की चार मूर्तियों का अनावरण किया गया जिसमे दो मुर्तिया पिपलिया पंथ और जेतपुरा में बनाई गयी हैं। जहां के पाटीदार किसान आंदोलन में मारे गए थे। इन आयोजनों में सैकड़ों पाटीदार जुटे मंदसौर में तो इस बार पिछले चार दिनों से रैलियों का आयोजन चल रहा है।