
फिल्म शादी में जरूर आना की डायरेक्टर रत्ना सिन्हा ने बताया कि, फिल्म में जहां एक ओर रोमांस है वहीं दूसरी ओर यह फिल्म हमारे देश के नौजवानों को सिविल सर्विसेस जैसी एग्जाम्स की तैयारी करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। साथ ही यह मैसेज देगी कि लड़कियों को पढ़ा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। रत्ना सिन्हा का कहना है कि, मेरे हिसाब से हर लड़की की एजुकेशन पूरी होने के बाद उसकी एजुकेशन का यूज होना जरूरी है। ज्यादातर यह देखा गया है कि एजुकेशन का कुछ भी यूज नहीं हो पाता है।
दरअसल, हमारे यहां ''सेटल डाउन'' एक बहुत बड़ा शब्द है जिसका मतलब शादी तक सीमित होता है। बस यहां पर आकर सबकुछ रूक जाता है क्योंकि हम यह समझ लेते हैं कि हमें यहीं तक पहुंचना है। लड़की को पढ़ा कर शादी करना है। लेकिन यह गलत सोच है। अगर आप एजुकेशन का यूज कर सकते हैं तो करना चाहिए। जैसे कि सिविल सर्विसेस की बात करें तो कई बार लड़कियां सिविल सर्विसेस एग्जाम की तैयारी तो करती हैं लेकिन शादी के बाद अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती हैं। इसलिए इस फिल्म के जरिए हमारी कोशिश रही है कि बेटी पढ़ाव बेटी बचाव का संदेश दिया जा सके। साथ ही बेटी बढ़ाव देश को बढ़ावा भी संदेश है क्योंकि इससे इकोनॉमी की भी ग्रोथ होती है।